scriptचार माह में 237 जगहों पर लगी आग | Fire broke out at 237 places in four months | Patrika News

चार माह में 237 जगहों पर लगी आग

locationकवर्धाPublished: Apr 25, 2022 11:22:32 am

Submitted by:

Yashwant Jhariya

जिले में लगातार आगजनी की घटनाएं हो रही है। कहीं घर जलकर राख हो गए तो कहीं पूरी गन्ने की फसल ही चौपट हो गई। इस सीजन मेें ही अब तक 200 से अधिक आगजनी की घटनाएं हो चुकी है। आगजनी से नुकसान कम से कम हो इसके लिए नगर पंचायतों के फायर ब्रीगेड को सक्रियता से काम करने की आवश्यकता है।

चार माह में 237 जगहों पर लगी आग

चार माह में 237 जगहों पर लगी आग

कवर्धा.
हर साल जिले में गर्मी के दिनों में 400 से अधिक मकान, गन्ने की फसल, गुड़ फैक्ट्री के बगास, पैरावट सहित अन्य स्थानोंं पर आगजनी होती है जबकि औसतन 200 एकड़ का गन्ना जल जाता है। इससे किसानों का लाखों रुपए की क्षति पहुंचती है। वहीं आगजनी से कई लोग बेघर जाते हैं। राशन सहित दैनिक उपयेग सामग्री जल जाती है। इससे लोगों को काफी नुकसान होता है। जिले में 11 फायर ब्रीगेड हैं, लेकिन सबसे अधिक उपयोगी कवर्धा फायर स्टेशन के ही साबित हो रहे हैं।
बोड़ला, पांडातराई, पंडरिया, पिपरिया, सहसपुर लोहारा नगर पंचायत में भी फायर ब्रीगेड है लेकिन सभी समय पर नहीं पहुंचते। एक तो आगजनी की सूचना पर फोन रिसीव नहीं करते दूसरा दमकल वाहन खराब होने का बहाना बताते हैं। इसके चलते ही समय पर आग पर काबू नहीं पाया जाता और नुकसान अधिक होता है।
58 गन्ना खेतों में आग लगी
जिला फायर स्टेशन को विभिन्न थाना व डॉयल 112 के माध्यम से आगजनी की सूचना मिलती है। यहां एक जनवरी से 23 अप्रैल तक 237 स्थानों पर आगजनी पर काबू पाने पहुंच चुके हैं। सबसे अधिक करीब ५८ मामले तो गन्ने के खेतों में आगजनी की हो चुकी है। वहीं 31 लोगों के मकान और 116 पैरावट पर आग लगी। फायर ब्रीगेड की मदद से अधिकतर स्थानों पर आगजनी को फैलने व और अधिक नुकसान होने से भी बचाया गया।
3 वाहनों की और जरूरत
जिला फायर स्टेशन में 7 वाहन है लेकिन इसमें दो वाहन खराब है। यह कंडम हो चुके हैं। अभी 5 वाहनों से ही काम किया जा रहा है, जबकि 3 और वाहनों की आवश्यकता है। इसमें भी 10 फायर मैन व 4 चालक है। यह स्टॉफ ही दिनरात काम करते हुए जिलेभर में जगह-जगह पहुंचते हैं। कॉल आते ही एक मिनट में निकलता होता है जबकि जितनी पहुंचेंगे आगजनी पर उतनी जल्दी ही काबू पाएंगे।
आगजनी का कारण
गन्ने के खेत हो या फिर मकान में आगजनी, मुख्य वजह शॉर्ट सर्किट और स्पार्किंग ही है। अधिकतर खेतों के ऊपर से विद्युत तार गुजरे हुए हैं। तार अधिक पुराने हो चुके हैं, हवाएं चलते ही तारों के बीच स्पार्किंग होती है। चिंगारी खेतों में गिरते ही गन्ने के सूखे छिलके पेट्रोल की तरह काम करते हैं। खेत देखते ही देखते ही आग की लपटों में बदल जाते हैं। वहीं घर में शॉर्ट सर्किट होता है आग लग जाती है, जिसके कारण घर जल जाता है।
मदद नहीं
आगजनी के घटना क्षेत्र में हुई वहां से जो नगर पंचायत के फायर ब्रीगेड नजदीक है वहां से रवानगी होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसे में मदद के लिए कवर्धा फायर स्टेशन से ही फायर ब्रीगेड रवाना किया जाता है। इसके कारण समय पर मदद नहीं मिल पाती। इससे ही आग फैल जाता है और मकान, पैरावट, गन्ने की फसल नुकसान होता है। जबकि नगर पंचायत के फायर ब्रीगेड को इस पर तुरंत पहुंचने की आवश्यकता है।
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