नगर में पटाखों से आगजनी की घटना हो चुकी है। वहीं इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि और कोई बड़ी घटना नहीं हो सकती है। शहर में करीब 60 से अधिक व्यापारी दिवाली पर अस्थायी पटाखा दुकान लगाते हैं। लेकिन पटाखों की खरीदी तीन से चार माह पूर्व ही हो जाती है। खरीदी किए गए पटाखों को व्यापारी शहर के बाहर किसी गोदाम नहीं बल्कि बस्ती के बीच अपने घर में ही भंडारण करते हैं। यह बड़ी लापरवाही है। एक छोटी सी लापरवाही या गलती भी सैकड़ों लोगों की जान आफत में ला सकती है।
जबकि सुरक्षा की दृष्टिकोण से जो व्यापारी को पटाखे शहर के बाहर गोदाम में ही रखना चाहिए। लेकिन यहां तो नवाब मोहल्ला, दर्री पारा, कबीरपारा, राजमहल कॉलोनी, ठाकुर पारा सहित लगभग सभी बस्ती में एक न एक पटाखा व्यापारी अपने घर में ही भंडार किए हुए हैं। नगरीय प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा इसमें जांच की जानी चाहिए, ताकि हादसे के पहले सुरक्षित रह सके।