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बैगा आदिवासियों की याचिका पर 7 सरकारी कर्मचारी सहित 12 लोगों का वन पट्टा निरस्त, फर्जी जानकारी देकर लिया था लाभ

locationकवर्धाPublished: Sep 14, 2021 01:39:28 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

हाईकोर्ट द्वारा कलेक्टर कबीरधाम, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार पंडरिया से जवाब मांगा गया कि सम्पूर्ण दस्तावेज और जगह की जांच करें।

बैगा आदिवासियों की याचिका पर 7 सरकारी कर्मचारी सहित 12 लोगों का वन पट्टा निरस्त, फर्जी जानकारी देकर लिया था लाभ

बैगा आदिवासियों की याचिका पर 7 सरकारी कर्मचारी सहित 12 लोगों का वन पट्टा निरस्त, फर्जी जानकारी देकर लिया था लाभ

कवर्धा. जिले के ग्राम पंचायत नेउर में कई शासकीय कर्मचारी जाति बदलकर और खुद को मजदूर बताकर वन अधिकार का पट्टा प्राप्त किए। इस पर हाईकोर्ट से जांच के आदेश दिए थे। मामले में जांच के बाद अब कलेक्टर ने संबंधित सभी शासकीय सेवक पंचायत कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी के विरूद्ध जारी वन अधिकार पत्र को निरस्त कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संबंधित विभाग को प्रस्तावित करने के लिए एसडीएम को निर्देश किया है।
44 बैगाओं ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका
पंडरिया ब्लाक के विभिन गांवों से करीब 44 बैगाओं ने एनजीओ के साथ मिलकर करीब 22 लोगों के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर किए। हाईकोर्ट में डब्ल्यूपीसी 5303/2021 में याचिका स्वीकार की। इस पर हाईकोर्ट द्वारा कलेक्टर कबीरधाम, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार पंडरिया से जवाब मांगा गया कि सम्पूर्ण दस्तावेज और जगह की जांच करें।
कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा मामले में जांच की गई। जांच के बाद प्रतिवेतन के आधार पर कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके चलते ही 12 शासकीय कर्मचारियों, उनके नजदीकि रिश्तेदारों और नियम विरूद्ध जिन्हें पट्टा मिला उनके पट्टा को निरस्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को संबंधित कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर पत्र जारी किया गया।
प्रशासन ने माना कृत्य अपराध की श्रेणी में
एसडीएम पंडरिया कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार उच्च न्यायालय बिलासपुर में प्रस्तुत प्रकरण में प्रतिवादियों पर की गई शिकायत के संबंध में विधि विरुद्ध वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त किया गया है। प्रतिवादियों का कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है जिससे की सभी शासकीय सेवक पंचायत कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षक के विरुद्ध जारी वन अधिकार पत्र को निरस्त कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संबंधित विभाग को प्रस्तावित करने के लिए कलेक्टर कबीरधाम द्वारा निर्देश किया गया है।
इनका पट्टा किया गया निरस्त
मामले में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की ओर से जारी पत्र अनुसार वार्ड आया बसंती पिता गणेशराम जाति धोवा ग्राम नेउर, रोजगार सहायक मोहन सिंह पिता करिया जाति धोवा ग्राम अमनिया, सचिव दमगढ़ विष्णु प्रसाद पिता गणेशराम जाति धोवा ग्राम नेउर, एलबी शिक्षक बालाराम पिता रामधारी जाति धोवा ग्राम नेउर, चपरासी सुशीला पिता बुधमल जाति धोवा ग्राम नेउर, शिक्षक का पुत्र जलेश्वर पिता गणेश जाति धोवा ग्राम नेउर, उच्च श्रेणी शिक्षक रामभरोस पिता बलीराम जाति धोवा ग्राम अमनिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सोनिया पिता पतिराग जाति गोड़ ग्राम कुशियारी सहित अन्य चदरसिंह पिता करिया जाति धोवा ग्राम अमनिया, सुधियावाई पिता पतिराम जाति धोवा, फुलवती पति मेघनाथ जाति धोवा व बागेश्वरी पिता शिवराम जाति धोवा ग्राम नेउर के नाम अधिक मात्रा में जमीन है जिसके चलते इनका वन अधिकार पत्र ग्राम सभा आयोजित कर विधिवत निरस्त कर प्रस्ताव किए जाने का निर्देश किया।
इसलिए पहुंचे हाईकोर्ट से गुहार लगाने
तीन साल पहले ग्राम कांदावानी से बड़ी संख्या में बैगा-आदिवासी पैदल यात्रा करते हुए ब्लाक मुख्यालय पंडरिया पहुंचे। वहां पर चार शिक्षक, वार्ड बॉय, चपरासी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, नाबालिग के नाम पट्टा दिए जाने का कुल 22 लोगों की शिकायत सबूत सहित किए। इस पर तात्कालीन कलेक्टर के आदेश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदार पंडरिया ने जांच किया। मामले को संज्ञान में लेकर तत्कालीन कलेक्टर ने चार शिक्षकों को निलंबित भी किया, लेकिन राजनीति पहुंच के चलते वह बहाल हो गए। इसके बाद फिर से शिकायत हुई, कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट गुहार लगाया गया

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