कवर्धा

लाखों रुपए खर्च के बाद हैण्डपम्प लगाना भूले

ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित ग्राम बाहपानी में मिडिल व प्राथमिक शाला संचालित है। स्कूल परिसर में बरसात के पानी रोकने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के तहत टंकी बनाया गया है लेकिन लाखों रुपए खर्च के बाद हैण्डपंप लाना भूल गए हैं।

कवर्धाJan 23, 2019 / 12:12 pm

Panch Chandravanshi

लाखों रुपए खर्च के बाद हैण्डपम्प लगाना भूले

कई. पंडरिया ब्लाक के सुदूर वनांचल ग्राम बाहपानी में प्राइवेट संस्था द्वारा 2 लाख 80 हजार रुपए की लागत से वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया गया, लेकिन लाखों रुपए खर्च के बाद हैण्डपंप लाना भूल गए हैं।
ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित ग्राम बाहपानी में मिडिल व प्राथमिक शाला संचालित है। स्कूल परिसर में बरसात के पानी रोकने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के तहत टंकी बनाया गया है और ऊपर प्लास्टर किया गया है। पाइप लाइन बिछकर स्कूल भवन के अंदर ले जाया गया है। वाटर हार्वेस्टिंग के तहत बाहपानी और बसूलालूट में इसी प्रक्रिया को अपना गया है। दोनों ही गांव पहाड़ ऊपर बसा हुआ है। वनांचल के ज्यादातर गांवों में गर्मी प्रारंभ होते ही पेयजल संकट गहराने लगी है। ग्रामीणों को मीलो दूर से पानी लाने के लिए विवश होना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए वनांचल में वाटर हार्वेस्टिंग के सिस्टम को अपना गया है, लेकिन यह भी यहां सफल होता नजर नहीं आर हा है।
बूंदभर पानी नहीं
ग्राम बसूलालूट में तो टंकी खुला पड़ा हुआ है। वहीं पाइप को स्कूल भवन के दीवार में लटका दिया गया है। टंकी में बूंदभर पानी नहीं है। साथ ही हैण्डपंप भी नहीं लगाया है। ऐसे में वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम कैसे सफल होगा। दयाल सिंग, बलराम सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि यहां पहाड़ में पानी नहीं रुकता तो लाख रुपए खर्च करने की क्या जरूरत है। वहीं संस्था के कर्मचारी हैण्डपंप के चोरी होने का बात कहकर मूंह मोड़ लेते हैं।
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