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कमी के बाद भी चार प्रोफेसर का तबादला

locationकवर्धाPublished: Oct 03, 2018 11:16:34 am

Submitted by:

Yashwant Jhariya

पीजी कॉलेज में तीन सहायक प्राध्यापकों के तबादले के बाद कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी, पंडरिया कॉलेज से एक सहायक प्राध्यापक का ट्रांसफर

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कमी के बाद भी चार प्रोफेसर का तबादला

कवर्धा. मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी जिले की उच्च शिक्षा गर्त में जाती दिखाई दे रही है। जिले के कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक व प्राध्यापकों की भारी कमी के बाद भी उनका तबादला किया जा रहा है।
जिले का सबसे बड़ा व एकमात्र स्नात्कोत्तर महाविद्यालय(पीजी कॉलेज) में पहले से प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों की कमी थी। इसके बाद भी शासन ने यहां के तीन सहायक प्राध्यापकों का ट्रांसफर अन्य जिले में कर दिया गया है। इससे यहां की पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो जाएगी। क्योंकि इनके बदले किसी प्राध्यापक या सहायक प्राध्यापकों को नहीं भेजा जा रहा है। पीजी कॉलेज में केवल 09 नियमित सहायक प्राध्यापक बच गए।
पंडरिया में भी वही हाल
पंडरिया महाविद्यालय में भी 10 स्वीकृत प्राध्यापकों के पद खाली पड़ हुए हैं। जबकि यहां केवल 07 सहायक प्राध्यापक के भरोसे कॉलेज चल रहा था, लेकिन यहां के एक प्राभारी प्राचार्य रहे सहायक प्राध्यापक मदनलाल कश्यप का कोण्डागांव ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे पंडरिया महाविद्यालय में अब केवल 6 सहायक प्राध्यापक ही बचे हुए हैं।
इनका हुआ तबादला
जिले के सबसे बड़े कॉलेज मतलब पीजी कॉलेज से डॉ. दीनू राम राणा सहायक प्राध्यापक इतिहास का ट्रांसफर डौण्डीलोहारा हुआ है। यह प्राभारी प्राचार्य के रूप में भी रहे। इसी प्रकार डॉ.बसंत सोनबेर सहायक प्राध्यापक मानोविज्ञान का ट्रांसफर कमलादेवी महाविद्यालय राजनांदगांव हुआ है। अब मनोविज्ञान के लिए एक भी प्रोफेसर नहीं है। वहीं डॉ. श्वेता पाण्डेय सहायक प्राध्यापक बॉयोटेक्नोलॉजी का कला विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग ट्रांसफर हो गया।
यहां बत्तर स्थिति
जिले का सबसे बड़ा महाविद्यालय में प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापकों को मिलाकर कुल 42 पद स्वीकृत है। इसमें प्राध्यापक के 11 पद स्वीकृत में एक भी प्राध्यापक पदस्थ नहीं हंै। इसी प्रकार 31 सहायक प्राध्यापक में 12 सहायक प्राध्यापक पदस्थ थे, लेकिन तीन का ट्रांसफर हो जाने से 9 सहायक प्राध्यापक ही पीजी कॉलेज में बचे हैं। इससे जिले की पढ़ाई पूरी तरह चौपट होती जा रही है। यानी कुल 33 प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापक के पद खाली पड़े हुए हैं।

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