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सरकार बदलते ही निरस्त कर दी बस स्टेण्ड के लिए घोषित राशि

locationकवर्धाPublished: Jan 29, 2019 01:30:13 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

क्षेत्रवासियों की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा चिल्फी में हाईटेक बस स्टैंड की घोषणा की गई थी, जो अब अधूरे निर्माण से हाईटेक बस स्टैंड का सपना अधूरा लग रहा है।

Declared amount canceled

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चिल्फीघाटी. वनांचल ग्राम चिल्फीघाटी जिले के मिनी कश्मीर के नाम से जाना जाता है, जो छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित है। चिल्फीघाटी लंबी दुरी तय करने वाले छोटी बड़ी वाहनों का एकमात्र स्टापेज है। जहां लाखों रुपए की लगत से हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण होना था, जो साल बीत जाने के बाद भी अधूरा पड़ा है।
हाईटेक बस स्टैण्ड का निर्माण प्रारंभ तो हुआ, लेकिन साल भर से अधर में लटका हुआ है। इससे क्षेत्रवासी काफी मायूश नजर आ रहे हैं। क्षेत्रवासियों की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा चिल्फी में हाईटेक बस स्टैंड की घोषणा की गई थी, जो अब अधूरे निर्माण से हाईटेक बस स्टैंड का सपना अधूरा लग रहा है। चिल्फी प्रवास पर नेशनल हाइवे रायपुर-जबलपुर का एकमात्र स्टापेज होने से चिल्फी में 17 काम्प्लेक्स बनने के बाद 60 लाख रुपए की लागत से नया बस स्टैंड निर्माण के साथ 10 लाख रुपए की लागत से 10 और नया काम्प्लेक्स व 10 लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड का समतलीकरण का घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व सांसद अभिषेक द्वारा किया गया था, जिसका टेंडर होना बाकी था। केवल 10 लाख की लागत से समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। वह भी अधूरा होने से हाईटेक बस स्टैंड का सपना, सपना बनकर न रह गया है।
निर्माण के ७० लाख रुपए निरस्त
दो राज्यों की सीमा पर बसे चिल्फीघाटी अपनी अलग पहचान बनाई हुई है। दो साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बस स्टैंड सौंदर्यीकरण के लिए 60 लाख रुपए व 10 काम्प्लेक्स बनने की 10 लाख रुपये की राशि निरस्त होने से क्षेत्रवासियों में नाराजगी बनी हुई है। क्षेत्रवासी वर्तमान सरकार से जल्द से जल्द हाईटेक बस स्टैंड निर्माण की बात कही गई है। बताना बता दे कि अगर चिल्फी में हाईटेक बस स्टैंड बनता है तो राज्य का पहला ग्राम पंचायत होगा, जहां हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण होगा। इस पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व जिले में बैठे संबंधित अधिकारियों को ध्यान देने की जरुरत है।
सालभर से आस लगाए बैठे है व्यापारी
बस स्टैंड निर्माण की आस में दुकानदार पिछले दो सालों से दुकान खोल कर बैठे हैं। सत्ता परिवर्तन के चलते मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राशि को निरस्त करना बताया जा रहा है। ऐसे में सड़क चौड़ीकरण के साथ साथ हाईटेक बस स्टैंड का सपना कहीं सपना बन कर न रह जाए। बस स्टैंड के अधूरा निर्माण होने से दुकानदारों में मायूसी छाई हुई है।
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