सरकारी कार्यालय सबसे आगे
अवैध तरीके से एसी चलाने और बिजली की फिजूलखर्ची को लेकर कई सरकारी भवन भी पीछे नहीं है। यूं तो सरकारी विभागों में बिजली के दुरूपयोग पर लगाम लगाने और एसी लगाने के लिए अधिकारियों के ग्रेड तय किए गए हैं। किंतु यहां प्रत्येक कार्यालय में अधिकारियों के रूम में एयर कंडीशन लगा हुआ है वह भी बिना अनुमति। एसी के कारण सभी सरकारी विभागों में बिजली खर्च काफी बढ़ चुका है।
रसूखदार लोग गर्मी से निजात पाने के लिए घर व दुकानों में एयर कंडीशनर लगवाए हैं, जो अवैध हैं। क्योंकि एसी लगवाने के लिए विद्युत वितरण कंपनी से अनुमति नहीं ली गई है। शहर में तीन हजार से ज्यादा एसी घर, दुकान और कार्यालयों में लगे हैं। अवैध तरीके से लगाए गए एसी के कारण शहर में विद्युत पर लोड बढ़ गया है। विद्युत विभाग के अनुसार 90 फीसदी एसी के कनेक्शन अवैध तरीके से लगाए हुए हैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अर्थदंड का भी प्रावधान
एसी लगाने के पहले विद्युत कंपनी से अनुमति लेनी पड़ती है। खपत के आधार पर कंपनी द्वारा शुल्क तय की जाती है। घरेलू व व्यवसायिक कनेक्शन का भी ध्यान रखते हुए शुल्क निर्धारित किए जाते हैं। साथ ही दो से अधिक एसी होने पर छोटा नया ट्रांसफार्मर ही लगाया जाता है। बिना अनुमति से एसी लगाए जाने या पकड़े जाने पर अर्थदंड का भी प्रावधान है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती। जबकि जांच करने कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
एसी का भार
सामान्य दिनों में शहर की बिजली खपत 18 -19 लाख यूनिट रहती है। जबकि गर्मी के दिनों में यह 35 -36 लाख यूनिट तक पहुंच जाती है। इसमें अवैध तरीके से चलाने वाले एसी की भागीदारी 30 प्रतिशत है। इसके चलते ही ट्रांसफार्मर में ब्लॉस्ट होते हैं।
कवर्धा के विद्युत वितरण कंपनी के एई आकाश श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकतर लोग एसी के लिए कनेक्शन नहीं लेते। एसी से ट्रांसफार्मर पर काफी लोड बढ़ता है। शहर में कितने एसी है बता पाना मुश्किल है। कार्रवाई के लिए प्लानिंग कर रहे हैं।