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ग्रामीण सड़कों पर हाईवे की तरह सरपट दौड़ रहे भारी वाहन, फिर भी कर रहे अनदेखा

locationकवर्धाPublished: Nov 26, 2018 03:59:16 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

प्रधानमंत्री सडक़ योजना के तहत बनी ग्रामीण सडक़ों पर भारी वाहन सरपट दौड़ रहे हैं।

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ग्रामीण सड़कों पर हाईवे की तरह सरपट दौड़ रहे भारी वाहन, फिर भी कर रहे अनदेखा

कवर्धा . कवर्धा जिले की प्रधानमंत्री सडक़ योजना के तहत बनी ग्रामीण सडक़ों पर भारी वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। यह सडक़ें 12 टन के वाहनों के लिहाज से बनाई गई हैं, लेकिन तीन गुना अधिक वजन वाले वाहन चल रहे हैं।
पीएम सडक़ पर बेरोक-टोक ओवरलोड वाहन गुजरने से सडक़ बर्बाद होने लगी है। कई गांव में नए सडक़ों का निर्माण किया गया था जो आज की स्थिति में अपना अस्तित्व खो चुका है। चारभाठ़ा सहित कई दर्जन सडक़ों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं। सडक़ की खस्ता हालत के लिए भारी वाहन जिम्मेदार है। ग्रामीण सडक़ १२ टन वजनी गाडिय़ों के लिए बना है। इसके बाद भी इस रूट से रोजाना दर्जनों ओवरलोड ट्रकें दौड़ रहे हैं। इन दिनों खरीदी केंद्रों से धान का उठाव किया जा रहा है।
३० से ३५ टन वजन गुजर रहे
दर्जनों ट्रक परिवहन कार्य में लगे हुए हैं। इन ट्रकों में ३० से ३५ टन धान भरकर ग्रामीण सडक़ों पर धड़ाधड़ दौड़ रहे हैं। ओवरलोड ट्रकों के गुजड्डड्डरने से सडक़ महज दो से तीन साल में ही जर्जर हो रहे हैं। रास्ते में जगह-जगह गड्ढे और गिट्टियां उखडऩे लगी है। विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही वजह है कि भारी वाहन सडक़ों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
यह सडक़ें प्रभावित
पीएम सडक़ निर्माण के बाद पांच साल की गारंटी दी जाती है, लेकिन ग्राम कुण्डा-महका मार्ग महज तीन साल में ही जर्जर हो गई है। वहीं ग्राम कुण्डा-महली और कुण्डा से फास्टरपुर जाने वाली सडक़, बिरेंद्रनगर, चारभाठ सहित दर्जनों सडक़ की हालत भी चिंताजनक है। रोजाना भारी वाहन इन्हीं सडक़ों पर दौड़ रहे हैं, जिसके चलते सडक़ों की धज्जियां उखड़ गई है।
आदेश को ठेंगा
ग्रामीण सडक़ों पर १२ टन से अधिक क्षमता वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। सडक़ किनारे प्रतिबंध के बोर्ड लगाए गए, लेकिन इसकी परवाह किसी को नहीं। रोजाना ग्रामीण सडक़ पर इन आदेशों को ठेंगा दिखाते धड़ल्ले से भारी वाहन दौड़ा रहे हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं है। विभागीय अधिकारी भी इस मामले में खामोश बैठे हैं।
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