गैंदपुर में ग्रामीण आवास योजना तहत ग्राम के हितग्राही जगदेव गोड़, सुखदेव गोड़ व खेम सिंह के निर्माणाधीन आवास की एक नहीं, बल्कि सभी दीवारें महज 4 इंच मोटी बनाई गई है, जिसका दीवार लेबल छत तक हो चुकी है। अब महज आवास की छत की दरकार है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार लोगों के सह में जियो टेकिंग कर हितग्राही को गुणवत्ताहीन आवास निर्माण कराने में तुले हैं, जिससे निर्माणाधीन आवास की गुणवत्ता पर गांव में तरह तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। जरूरतमंद गरीब परिवार को रहने के लिए पक्के आवास की सुविधा मिल सके। इस उद्देश्य से सरकार ने पीएम आवास योजना बनाई। पात्र हितग्राही के खाते में सीधे किस्तों के माध्यम से एक लाख तीस हजार रुपए की राशि दी जाती है।
पीएम आवास योजना तहत आवास मित्र के माध्यम से ही गांव में आवास की जीओ ट्रैकिंग कर विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देता है। साथ ही समय-समय पर आवास निर्माण की गाईडलाइन हितग्राही को दिया जाता है। वहीं इस तरह की निर्माण पर नजर रखने की जिम्मा इंजीनियर का होता है। इसके बाद भी इस तरह का निर्माण सामने आ रही है। योजना की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं।