मूलत: इस ईंट को पकाने के लिए उच्च स्तरीय कोयले का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन राशि बचाने के चक्कर में यह अवैध निर्माता ईट को सोयाबीन की अवशेष व लकड़ी से पकाते हैं। इस वजह से इससे उठने वाला धुआं पर्यावरण सहित लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है। इस तरह से कई भट्ठे आबादी क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है। इससे लोगों के स्वास्थ्य बूरा असर पड़ रहा है।
क्षेत्र में संचालित ईंट भट्ठा संचालकों ने खनिज विभाग से एनओसी नहीं लिया है। साथ ही पर्यावरण विभाग से भी अनुमति नहीं ली गई है। बावजूद इसके जांच या कार्रवाई नहीं होने से संचालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है। इधर भट्ठा संचालक अवैध विद्युत कनेक्शन भी ले रखे हैं। इस तरह अवैध भट्ठा संचालन से सरकार को रायल्टी का नुकसान पहुंचा रहे हैं।