झोपड़ीनुमा घर में रहने वाली पीडि़त महिला व उसका पति आठ माह की जेल काट कर लौटे हैं। इन पर गांव के दबंगों से मारपीट का आरोप लगा है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पति-पत्नी को जेल भेज दिया। जबकि पीडि़ता का आरोप है कि गांव के ही रहने वाले शिक्षक हेमसिंह नेताम और उसके साथी सरजू नेताम ने उसके साथ बलात्कार किया। मामले की रिपोर्ट लिखाने पर जब वह थाने पहुंचे तो थानेदार ने रिपोर्ट नहीं लिखी।
उस वक्त थाना प्रभारी ने कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए पीडि़ता को घर जाने के लिए कह दिया, लेकिन न रिपोर्ट दर्ज किया न कार्रवाई की। इस तरह से तीन माह में पीडि़ता ने कई बार थाने के चक्कर काटे बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। तीन माह बाद एकाएक पीडि़त पति-पत्नी के खिलाफ पुलिस ने उल्टा कार्रवाई कर दी। मारपीट का आरोप लगाते हुए जेल भेज दिया। गरीबी के चलते इनका जमानत कराने वाला कोई नहीं था, जिसके कारण आठ माह जेल में काटना पड़ा।
आठ माह जेल काटने के बाद पीडि़त पति-पत्नी बाहर निकले। वे अपने घर पहुंचे तो दोनों आरोपी फिर से उसे डराने धमकाने लगे। जान से मार देने की धमकी देते रहते हैं। इसके चलते उन्होंने आरोपियों व थाना प्रभारी की शिकायत एसपी शलभ कुमार सिन्हा से की है। एसपी ने पीडि़ता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करने थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं। साथ ही थाना प्रभारी पर लगे आरोप की जांच राजपत्रित अधिकारी द्वारा कराए जाने की बात कही है।