अगर आप भी सुबह निकलते है मॉर्निंग वॉक पर तो हो जाए सावधान, वरना सीधे पहुंच सकते हॉस्पिटल
यदि आप सुबह-सुबह घूमने निकलते हैं तो सावधान !!! आपके हाथ में छड़ी जरूर होनी चाहिए।

कवर्धा .यदि आप सुबह-सुबह घूमने निकलते हैं तो सावधान !!! आपके हाथ में छड़ी जरूर होनी चाहिए। क्योंकि शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ चुकी है, जो लोगों को काटकर या दौड़ाकर जख्मी कर रहे हैं। शहर के हर चौक-चौराहे और गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों के काटने की शिकायतें मिल रहे हैं। सुबह टहलने और अखबार बांटने वाले अधिकतर इनके शिकार हो रहे हैं।
रोजाना औसतन दो से तीन केस कुत्तों के काटने के पहुंच रहे हैं
कुत्तों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। जिला अस्पताल में रोजाना औसतन दो से तीन केस कुत्तों के काटने के पहुंच रहे हैं। आक्रमक कुत्तों के कारण सुबह टहलने वालों को हमेशा डर बना रहता है। इस पर पालिका प्रशासन को कार्रवाई करने की आवश्यकता है, क्योंकि कुत्तों से निपटने के लिए उनके पास ही अधिकार है।
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253 केस जिला अस्पताल में
कुत्तों का काटना भारी महंगा पड़ता है। अधिक जख्मी होने पर लोगों को 5 इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे हैं। जिला अस्पताल में इस वर्ष जनवरी से 22 मई तक 253 लोगों ने एंटी रैबिज के इंजेक्शन लगवाएं। शासकीय अस्पताल में ईजाल मुफ्त में हो जाता है, लेकिन निजी अस्पताल में इसके लिए 250 रुपए का एक इंजेक्शन और दवाई लेनी पड़ती है।
पालिका कर सकती है कार्रवाई
नगरीय प्रशासन नगर पालिका अधिनियन की धारा 252 के तहत आक्रमक कुत्तों पर कार्रवाई कर सकता है जो लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं कुत्तों के मामलों को भी आदेशित कर सकते हैं कि कुत्तों को घर के बाहर घुमाते समय उनके मुख को बंद रखा जाए। लेकिन इस ओर प्रशासन जरा भी ध्यान नहीं दे रही है।
बच्चों को काटने से बड़ा ही खतरा होता है। गर्मी में ही केस बड़े हैं। तो आने वाले बारिश में कुत्तों के काटने का केस और भी बड़ जाता है। लेकिन आवारा कुत्तों से छुटकारा नहीं मिल रहा है।
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