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भोरमदेव शक्कर कारखाना में अनियमितता,संचालक मंडल भंग, पद से हटाए गए अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व दो सदस्य

locationकवर्धाPublished: May 31, 2020 08:18:10 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में अनियमितता के चलते संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है। पंजीयक संस्थान ने यहां के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को उनके पद व सदस्यता से हटा दिया गया है।

भोरमदेव शक्कर कारखाना में अनियमितता,संचालक मंडल भंग, पद से हटाए गए अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व दो सदस्य

भोरमदेव शक्कर कारखाना में अनियमितता,संचालक मंडल भंग, पद से हटाए गए अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व दो सदस्य

कवर्धा. भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में अनियमितता के चलते संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है। पंजीयक संस्थान ने यहां के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को उनके पद व सदस्यता से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई कारखाना में हुई अनियमितता की शिकायत के आधार पर किया गया। पंजीयक सहकारी संस्थान रायपुर की ओर से 28 मई को 9 पन्नों का आदेश जारी कर भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के अध्यक्ष भेलीराम चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष गणेश प्रसाद तिवारी, शिवप्रसाद वर्मा, संचालक सदस्य साकेत कुमार चदं्रवंशी को उनके पद व सदस्यता से हटा दिया गया।
इसके साथ ही सोसाइटी के अधीन कोई भी पद धारण करने के लिए तीन वर्ष की कालावधि तक के लिए निरर्हित कर दिया गया है। साथ ही प्रकरण में हुई हानि की भरपाई के लिए छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 58(ख) के अंतर्गत पृथक से प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। उक्त कार्रवाई शिकायत की जांच पर सही पाए जाने और कारखाना को हुए रिकवरी राशि के नुकसान के आधार पर किया गया। इसके लिए आदेश तो जनवरी में ही कर दिया गया है कि 21 जनवरी तक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व दो अन्य सदस्यों को हटाया जाए, लेकिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में यह फैसला नहीं लिया जा सका। वहीं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित चारों सदस्यों से स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसमें सुनवाई भी हुई लेकिन जो जवाब प्रस्तुत किया गया वह संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके चलते पंजीयक सहकारी संस्थान की ओर से कार्रवाई करते हुए इन्हें हटा दिया गया।
किसान नेता ने की थी शिकायत
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष दानेश्वर सिंह परिहार ने भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में पर्ची जारी करने में कारखाना प्रबंधन द्वारा पैसे के लेन-देन, भाई भतीजावाद के तहत नियम का खुलेआम उल्लंघन कर कारखाने के निदेशकों द्वारा नियम विरूद्ध 2000 अतिरिक्त पर्ची निकालकर कम रेट में गन्ना खरीदकर बेचे जाने संबंधी शिकायत कलेक्टर से की गई। इस पर कलेक्टर द्वारा शिकायत की जांच अपर कलेक्टर से कराया गया।
जांच में हुई स्थिति स्पष्ट
शिकायत के जांच में पाया था कि पेराई सत्र 2017-18 में 23 मार्च 2018 से 30 अप्रैल के बीच शक्कर की औसत रिकव्हरी 7.33 प्रतिशत ही रही, जबकि पेराई सत्र 2018 -19 में 23 मार्च 2018 से 30 अप्रैल के बीच शक्कर की औसत रिकव्हरी 2.6 7 प्रतिशत की कमी पाई गई। कारखाने को 226 8 9.6 6 क्विंटल शक्कर का नुकसान उठाना पड़ा, जिसकी कीमत 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि 7 करोड़ 3 लाख होता है। कारखाने को प्रत्यक्ष रूप से 7.3 करोड़ का रुपए का नुकसान पहुंचाने, गन्ना उत्पादक कृषकों को आर्थिक, मानसिक रूप से क्षति पहुंचाने और गन्ना उत्पादक कृषकों में कारखाने की साख, छवि को व्यापक रूप से धुमिल करने के लिए कारखाने के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष संचालक सदस्य पूर्णत: उत्तरदायी पाए गए।
संचालक मंडल भंग कलेक्टर प्राधिकृत अधिकारी
चार सदस्य को एकसाथ हटाए जाने के बाद भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना का संचालक मंडल भी भंग हो चुका है। क्योंकि यहां पर फोरम को पूरा करने के लिए सदस्य ही नहीं है। यहां पर केवल पांच सदस्य बचे हुए हैं। जबकि पूर्व में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य सुषमा चंद्रवंशी, किशोर चंद्राकर, उत्तरा कुमार, सुरेश दुबे और राजकुमार कश्यप का कारखाना के कार्यक्षेत्र का विभाजन पश्चात 3 नवंबर 2017 से ही शेयरधारक सदस्यता खो चुके हैं। इसलिए संचालक मंडल को भंग करते हुए पंजीयक सहकारी संस्थाए द्वारा कलेक्टर को प्राधिकृत अधिकारी की जिम्मेदारी दे दी
गई है।
पूर्व में आदेश का पालन नहीं
जनवरी में छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम, 196 0 की धारा 53-ख की उपधारा (1) के उपबंधो के अधीन रजिस्ट्रार में वेष्ठित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद् द्वारा भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित, कवर्धा के बोर्ड संचालक मंडल को यह निर्देषित किया गया था कि संस्था के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, दो संचालक सदस्य को उनके द्वारा धारित पद से दिनांक 21 जनवरी तक हटा दें, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। प्रबंध संचालक, भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना, कबीरधाम बीएस ठाकुर ने बताया कि पंजीयक सहकारी संस्थान द्वारा 28 मई को आदेश जारी किया गया जिसमें भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और दो सदस्यों को पद व सदस्यता से हटा दिया गया है। वहीं संचालक मंडल भंग हो चुका है इसलिए अब कलेक्टर ही प्राधिकृत अधिकारी होंगे।
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