कबीरधाम के जंगल नक्सलियों को अपनी ओर खींच रहे हैं, तभी तो यहां पर उनकी मौजूदगी बढ़ती जा रही है। आए दिन किसी न किसी गांव में नक्सली पहुंचकर ग्रामीणों को बरगलाकर मुखबिर बना रहे हैं
कवर्धा. कबीरधाम के जंगल नक्सलियों को अपनी ओर खींच रहे हैं, तभी तो यहां पर उनकी मौजूदगी बढ़ती जा रही है। आए दिन किसी न किसी गांव में नक्सली पहुंचकर ग्रामीणों को बरगलाकर मुखबिर बना रहे हैं। कुछ दिन पहले ही पुलिस के मोर्चा संभालने पर नक्सलियों को जंगल से अपना रास्ता बदलना पड़ा।
वनांचल क्षेत्र के करीब 124 ग्राम नक्सली ग्राम चिहांकित हैं। इन गांवों में पुलिस की पैनी नजर है, लेकिन नक्सली की चहलकदमी इन गांवों में लगातार बनी हुई है। पुलिस को आए दिन नक्सलियों के आगमन के संबंध में सूचनाएं मिल रही हैं, लेकिन नक्सलियों के गांव से निकलने के बाद। इसके चलते अब तक पुलिस और नक्सलियों को आमना सामना नहीं हो पाया है। नक्सली अपना मुखबिर तंत्र मजबूत करने पर लगे हैं, इसके चलते वह कोई वारदात को अंजाम नहीं दे रहे। बड़ी संख्या में उन्होंने अपने मुखबिर तैयार भी कर चुके हैं। इसके चलते ही पुलिस फोर्स के गांव पहुंचने के पहले ही खाना खाकर निकल जाते हैं। नक्सली एक के बाद एक गांव पहुंच रहे हैं। वहां के जनप्रतिनिधि और लोगों को बरगला रहे हैं। वहीं पुलिस भी लगातार गांव-गांव पहुंचकर लोगों को समझाइश दे रही है।
दिक्कतों भरा रेंगाखार का जंगल
चिल्फी और रेंगाखार के जंगल बस्तर क्षेत्र से भी खतरनाक हैं। कारण है कि यहां के जंगल सपाट नहीं है। अधिक घना है, छोटी-छोटी पहाडिय़ां हैं। नदी, नाले हैं जिसकी वहज से आवागम में काफी दिक्कतें होती हैं। इसके चलते ही नक्सली अपना रास्ता बनाकर निकल जाते हैं।
तैयार है फोर्स
नक्सलियोंं की बढ़ती चहलकदमी को खत्म करने के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स, 17वीं वाहिनी, जिला पुलिस के जवान और एसएफ के 250 से अधिक जवान जंगल में मोर्चा संभाल चुके हैं। यह जवान पूरी तरह से जंगलवार की ट्रेनिंग प्राप्त है। मतलब किसी भी सूरत में भिड़ जाएंगे।
नक्सलियों ने बदले अपने रास्ते
नक्सली अब तक चिल्फी और रेंगाखार के जंगलों की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन अब उनकी दिशा बदल चुकी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जब से पुलिस का बेस कैम्प झलमला में बना है नक्सलियों को मूवमेंट लोहारा ब्लॉक के घानीखुटा घाट की ओर हो चुकी है।
कबीरधाम एसपी नीरज चंद्र ने बताया कि झलमला में बेस कैम्प बनाने से नक्सलियों की चहलकदमी चिल्फी और रेंखागार क्षेत्र में कम हो चुकी है। हमारे पास एसटीएफ, एसएफ सहित जिला पुलिस के ट्रेनिंग प्राप्त जवान है। हम काफी अंदर गांवों में जाकर लोगों को खुद से जोड़ रहे हैं ताकि वह नक्सलियों के बहकावे में न आए।