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कुंडी फंसाकर बिजली चोरी, तमाशबीन बन बैठा विभागीय कर्मचारी

locationकवर्धाPublished: Nov 11, 2018 05:25:01 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

ग्राम बरबसपुर में बिजली के अवैध कनेक्शनों की भरमार है। सड़क किनारे खंभों से तार में कुंडी फंसाकर दुकान व घरों को रोशनी की जा रही है। बिजली चोरी के लिए लोग 100 मीटर से लंबे केबल खींच रखे हैं। बिजली के अवैध कनेक्शन लगाकर विभाग को चूना लगाने का काम जोरों से चल रहा है।

Lurking electric power

Lurking electric power

कवर्धा. ‘भीलों ने जंगल बांट लिए, राजा को खबर भी नहीं।Ó यह कहावत जिले के विद्युत विभाग पर खूब फबती है। कवर्धा विकासखंड के कई गांव में कुंडी फंसाकर खुलेआम बिजली चोरी को अंजाम दिया जा रहा है। बावजूद इसके विद्युत विभाग तमाशबीन बना बैठा है। इस मामले में कोई जिम्मेदार कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
कवर्धा विकासखंड के ग्राम बरबसपुर में बिजली के अवैध कनेक्शनों की भरमार है। सड़क किनारे खंभों से तार में कुंडी फंसाकर दुकान व घरों को रोशनी की जा रही है। बिजली चोरी के लिए लोग 100 मीटर से लंबे केबल खींच रखे हैं। बिजली के अवैध कनेक्शन लगाकर विभाग को चूना लगाने का काम जोरों से चल रहा है। अवैध कनेक्शनधारियों की मनमानी का नतीजा वैध कनेक्शनधारियों को जरूरत से ज्यादा बिल भुगतान कर झेलना पड़ रहा है। इससे पहले भी कई गांवों में इस तरह अवैध कनेक्शन के मामले सामने आते रहे हैं। अवैध कनेक्शन में बढ़ोत्तरी होने के कारण गरीब उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी भी होती रही है। कई बार बिजली चोरी के कारण ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतें आती रहीं है।
बढऩे लगा विद्युत भार
ग्राम बरबसपुर में चोरी की बिजली से न सिर्फ घरों में रोशनी है, बल्कि खेतों की सिंचाई भी हो रही है। कई खेत मालिक द्वारा अवैध तरीके से बिजली चोरी कर मोटर पंप चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में यह नजारा आम है। इस तरह की चोरी अक्सर शाम के समय होती है। रातभर मोटर पंप से खेतों की सिंचाई होती है। सुबह होते ही अवैध कनेक्शन निकाल लिए जाते हैं, ताकि विभाग की नजरें उनके अवैध कारनामों पर न पड़े और चोरी छुपे काम चलता रहे।
विभागीय कार्यप्रणाली पर संदेह
बावजूद इसके सरकारी नुमाइंदे चोरी रोकने में लगातार असफल साबित हो रहे हैं। गांवों में बिजली चोरी की भनक अफसरों को भी है। किंतु छापा मारने की जगहमत वे भी नहीं कर पा रहे हैं। इसे लेकर कई बार विभागीय कार्यप्रणाली पर भी संदेह होने लगता है।
नाकामी छिपाने बत्ती गुल
बिजली चोरी को रोकने के लिए केबलीकरण का कार्य किया जाना है,लेकिन जिले के अधिकांश गांवों में केबलीकरण नहीं हो पाया है। इसका फायदा उठाते हुए ग्रामीण हुकिंग कर अवैध कनेक्शन लेकर घर रौशन कर रहे हैं। गांव में हो रहे विद्युत चोरी को रोकने विद्युत विभाग के अफसर फिसड्डी साबित हो चुके हैं। लाखों रुपए खर्च कर केबलीकरण किया गया। इसका भी नतीजा शून्य ही निकला। लिहाजा अपनी नाकामी छिपाने के लिए गांवों में बिजली बंद करने का सिलसिला चल पड़ा है। शाम होते ही गांवों में बिजली बंद कर दी जाती है। तंग आकर जब ग्रामीण शिकायत करने पहुंचते हैं, तो फिर हड़बड़ी में विद्युत बहाल कर दी जाती है।
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