आनंद ने कहा कि मरवाही उपचुनाव में वरिष्ठ पदाधिकारियों ने जो भी निर्णय लिया उसमें कार्यकर्ताओं के बारे में नहीं सोचा गया। इसलिए वह चुनाव से दूर रहना चाहते हैं ताकि उन पर या उनके सहयोगियों पर किसी तरह की राजनीतिक विवाद की स्थिति न बने। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह न किसी के पक्ष में और न किसी के विपक्ष में हैं। अभी किसी अन्य राजनीतिक पार्टी में जाने का कोई विचार नहीं किया है। यदि इस तरह का कोई विचार आएगा तो वरिष्ठ लोगों व सहयोगियों से चर्चा की जाएगी। इसके लिए जल्द ही बैठक करेंगे।
मरवाही उपचुनाव में प्रचार के दौरान जकांछ के दो विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने खुलकर बागी तेवर अपना लिया था। जकांछ ने उपचुनाव में भाजपा के समर्थन का ऐलान किया था। इसके दो दिन बाद ही जकांछ के विधायक देवव्रत और प्रमोद शर्मा ने गौरेला में पत्रकारवार्ता लेकर कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी। इस दौरान राजस्व मंत्री और मरवाही उप चुनाव प्रभारी जयसिंह अग्रवाल भी मौजूद थे।
जकांछ विधायक सिंह और शर्मा के बयान को लेकर विधायक डॉ. रेणु जोगी नाराज हैं। उन्होंने कहा, वे कदापि कांग्रेस में जाने की इच्छा नहीं रखती। उन्होंने कहा, अजीत जोगी जी के स्वर्गवास के बाद भी लगातार कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा अभद्र टिप्पणी कर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। इससे मैं व्यथित हूं। दोनों विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने की बात पर उन्होंने कहा, सत्ता सुख पाने के लालच में अब वे जोगी जी का अपमान कर रहे हैं।