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मां ने गहनें गिरवी रख दोनों बेटियों को बनाया खिलाड़ी, हासिल किया राष्ट्रीय स्तर पर मेडल

locationकवर्धाPublished: Jul 21, 2019 06:12:04 pm

Kawardha news: यह बेटियों के साथ उस मां की भी जीत (Baseball national competition) है जिन्होंने इन बेटियों को खेल में भेजने अपने गहनें तक गिरवी रखे

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मां ने गहनें गिरवी रख दोनों बेटियों को बनाया खिलाड़ी, हासिल किया राष्ट्रीय स्तर पर मेडल

कवर्धा. मां की आंखों से आंसू की धार बह निकली, जबकि बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर पर जीते मेडल (Baseball national competition) उन्हें पहनाएं। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई, क्योंकि यह बेटियों (Chhattisgarh Daughter) के साथ उस मां की भी जीत है जिन्होंने इन बेटियों को खेल में भेजने अपने गहनें तक (Kawardha news) गिरवी रखे।
जी हां, सरिता कोसले और सविता कोसले दोनों जुड़वा बहन बेसबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी बन चुकी है। लेकिन परिवार के हालात कमजोर होने की वजह से इस बार गुवाहाटी में आयोजित सब जूनियर बेसबॉल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में इनका जाना मुश्किल हो चुका था। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पिताजी खेलने से मना किया। लेकिन मां ने अपनी दोनों लाडली को खेलने के लिए भेजा।
इसके लिए उन्होंने अपने गिरनें रखे और बेटियों को जीत का आशीर्वाद दिया। बेटियों ने भी खेल में कोई कसर नहीं छोड़ी। छत्तीसगढ़ बालिका टीम में इनकी प्रमुख भूमिका रही। इनकी बदौलत बालिका वर्ग सिल्वर मैडल लगा पाए। 20 जुलाई को सभी खिलाड़ी वापस लौटे। अपनी बेटियों की स्वागत के लिए उनकी मां 2 घंटे पहले से ही बस स्टैंड पहुंचकर इंतजार कर रही थीं और जब वे आई तो अपने आंसू रोक नहीं पाई। मैडल लेकर वापस लौटी दोनों बहनों ने सबसे पहले अपनी मां को मैडल पहनाया और गले लगाया।

दृढ़ता से खेल रहीं दोनों बहनें
इस प्रतियोगिता में सम्मिलित हुई दो बहने सरिता कोसले और सविता कोसले जो वर्तमान में स्वामी करपात्रीजी स्कूल के कक्षा 10 वीं की छात्रा है। इस टूर्नामेंट के सभी मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है। ये दोनों बहने प्रयास स्पोट्र्स अकेडमी में पिछले एक वर्ष से खेल रही है। इनके पिता सब्जी मंडी में सब्जी का व्यवसाय करते हंै जिनसे इनके घर का गुजारा चलता है। इस तरह से ये खिलाड़ी कमजोर हालात में भी दृढ़ता से खेल रहीं हैं।

अकेडमी का नाम रोशन
अकेडमी के कोच राजा जोशी ने बताया की इन दोनों बहनो का यह पहला राष्ट्रीय प्रतियोगिता जिसमें इन्होंने पदक लगाकर प्रयास स्पोट्र्स अकेडमी का नाम रोशन किया है। प्रयास स्पोट्र्स अकेडमी में ऐसे और भी खिलाड़ी है जिनके परिरवार की आर्थिक स्थिति भले ही कमजोर हो, बावजूद राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी लगातार पदक लगा रहे हैं।

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