scriptफर्जी नक्सली मुठभेड़ में MP पुलिस ने छत्तीसगढ़ के युवक को मारी गोली, गुस्से में आदिवासी समाज, वन मंत्री ने लिखा CM शिवराज को पत्र | Kawardha youth killed in fake encounter, forest minister writes letter | Patrika News

फर्जी नक्सली मुठभेड़ में MP पुलिस ने छत्तीसगढ़ के युवक को मारी गोली, गुस्से में आदिवासी समाज, वन मंत्री ने लिखा CM शिवराज को पत्र

locationकवर्धाPublished: Sep 16, 2020 11:06:58 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

वन मंत्री अकबर ने कहा कि 6 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है। (Fake naxal encounter in Chhattisgarh)

फर्जी नक्सली मुठभेड़ में MP पुलिस ने छत्तीसगढ़ के युवक को मारी गोली, गुस्से में आदिवासी समाज, वन मंत्री ने लिखा CM शिवराज को पत्र

फर्जी नक्सली मुठभेड़ में MP पुलिस ने छत्तीसगढ़ के युवक को मारी गोली, गुस्से में आदिवासी समाज, वन मंत्री ने लिखा CM शिवराज को पत्र

कवर्धा. छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक और पत्र लिखी है। इस पत्र में उन्होंने इस बात पर एतराज जताया है कि कवर्धा के एक आदिवासी युवक की मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा माओवादी समझकर हत्या करने को उन्होंने संज्ञान में नहीं लिया है।
मंत्री अकबर ने पहले लिखी गई पत्र का हवाला देते हुए कहा है यह मामला बेहद गंभीर है। अभी तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। वन मंत्री अकबर ने कहा कि 6 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है।
यह भी पढ़ें
नक्सली समझकर मछली मारने गए कवर्धा के ग्रामीण को MP पुलिस ने मारी गोली, हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे परिजन
….

उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वन मंत्री ने उनके द्वारा पहले लिखी गई पत्र पर कार्रवाई न होने पर निराशा जाहिर की। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग कि इस संवेदनशील प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच तत्काल की जाए और छत्तीसगढ़ सरकार को इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए।
बता दिया युवक को माओवादी
6 सितंबर को कबीरधाम के बोड़ला ब्लॉक में दो आदिवासी झाम सिंह और नेम सिंह मछली मारने जंगल गए थे। मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें पकडऩे की कोशिश की जब वे भागे तो उन्हें गोली मार दी। झाम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नेम सिंह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला। मध्यप्रदेश पुलिस ने इस निर्दोष आदिवासी को माओवादी बता दिया। इस बीच नेम सिंह व परिजनों ने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत की, जिसके बाद मामले की हकीकत सामने आई।

ट्रेंडिंग वीडियो