बाघ के साथ तेंदुआ और हाथियों की भी गणना
कार्यशाला में कवर्धा, बालोद, खैरागढ़, राजनंदगांव और दुर्ग वन मंडल के वन मंडल अधिकारी, उप वन मंडल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी, परिक्षेत्र सहायक, वनरक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर व मानचित्रकारों ने भाग लिया। कार्यशला में बताया गया कि इस बार बाघ गणना की विशेषता यह रहेगी कि कागजी कार्रवाई करते हुए गूगल एप-एम सट्रिपेस के माध्यम से ऑनलाइन एंट्री करके बाघ की गणना के साथ-साथ तेंदुआ और हाथी की गणना भी अखिल भारतीय बाघ गणना 2021-2022 में सम्मिलित की गई है।
कार्यशाला में कवर्धा, बालोद, खैरागढ़, राजनंदगांव और दुर्ग वन मंडल के वन मंडल अधिकारी, उप वन मंडल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी, परिक्षेत्र सहायक, वनरक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर व मानचित्रकारों ने भाग लिया। कार्यशला में बताया गया कि इस बार बाघ गणना की विशेषता यह रहेगी कि कागजी कार्रवाई करते हुए गूगल एप-एम सट्रिपेस के माध्यम से ऑनलाइन एंट्री करके बाघ की गणना के साथ-साथ तेंदुआ और हाथी की गणना भी अखिल भारतीय बाघ गणना 2021-2022 में सम्मिलित की गई है।
मुख्य वन संरक्षक रही कार्यशाला में उपस्थित
एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वन वृत्त शालिनी रैना और राजेश कुमार पांडे उपस्थिति रहे। वहीं क्षेत्रीय उप संचालक सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व आयुष जैन और अधीक्षक बारनवापारा वन्य प्राणी अभ्यारण द्वारा आनंद कुदारिया द्वारा बाघ गणना संबंधित चर्चा परिचर्चा की गई। साथ ही प्रशिक्षण दिया गया।
एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वन वृत्त शालिनी रैना और राजेश कुमार पांडे उपस्थिति रहे। वहीं क्षेत्रीय उप संचालक सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व आयुष जैन और अधीक्षक बारनवापारा वन्य प्राणी अभ्यारण द्वारा आनंद कुदारिया द्वारा बाघ गणना संबंधित चर्चा परिचर्चा की गई। साथ ही प्रशिक्षण दिया गया।