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सूचना केंद्र में ताला, कौन दे किसानों को सलाह

राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत वर्ष 2012 में आठ लाख की लागत से गांव के बीचों-बीच कृषक सूचना एवं सलाह केंद्र खोला गया था। केंद्र में कृषक सलाहकार तैनात किया गया था। ताकि यहां के प्रगतिशील किसानों को खेती संबंधी उचित सलाह दे सकें। किंतु ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है।

कवर्धाMar 15, 2019 / 01:26 pm

Panch Chandravanshi

Lock in information center

बीरेन्द्रनगर. प्रशासनिक लापरवाही की वजह से ग्राम पंचायत बीरेन्द्र नगर के किसानों को न तो उचित सलाह मिल रही है और न ही सरकारी योजनाओं का फायदा। कारण कि गांव में कृषक सूचना एवं सलाह केंद्र में लंबे समय से ताला लगा हुआ है। कृषक सलाहकार ने भी यहां आना बंद कर दिया है, जिसके चलते किसानों को खेती-बाड़ी संबंधी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
सहसपुर लोहारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम बीरेन्द्र नगर में 90 फीसदी लोग खेती-बाड़ी का काम करते हैं। यह उनके रोजगार का एकमात्र जरिया भी है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत वर्ष 2012 में आठ लाख की लागत से गांव के बीचों-बीच कृषक सूचना एवं सलाह केंद्र खोला गया था। केंद्र में कृषक सलाहकार तैनात किया गया था। ताकि यहां के प्रगतिशील किसानों को खेती संबंधी उचित सलाह दे सकें। इसके अलावा किसानों को कब फसलों की बोनी हो, फसलों में कीटव्याधि कैसे दूर करें और फसलोत्पादन बढ़ाने जैसी सलाह मिल सके। किंतु ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। पिछले कई महीने से केंद्र में ताला लगा हुआ है। कृषक सलाहकार कब आते हैं और कब जाते हैं, इसकी भी जानकारी लोगों को नहीं होती है। गांव के किसान परामर्श के लिए केंद्र के चक्कर काटते रहते हैं। हैरानी की बात है कि कृषि विभाग के उच्चाधिकारी भी यहां मॉनिटरिंग करने नहीं पहुंचते हैं।
नहीं मिलती जानकारी
शासन नित नए योजनाएं बनाकर किसान हित में काम कर रही है। किंतु इन योजनाओं का लाभ बीरेन्द्र नगर के किसानों को नहीं मिल रहा है। कारण कि यहां के किसानों को इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। यदि कृषक सूचना केंद्र नियमित रूप से खुलता और सलाहकार आते तो ही किसानों को फायदा मिलता। लेकिन यहां तो इसके विपरीत स्थिति बनी हुई है।

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