माओवादी का बढ़ता दायरा
कबीरधाम जिला माओवादियों का ठिकाना बन चुका है। वहीं इनके कदम कवर्धा विधानसभा से होते हुए अब पंडरिया ब्लॉक व विधानसभा की ओर बढ़ते जा रहे हैं। साल दर साल माओवादी क्षेत्र बढ़ते जा रहे हैं। वहीं चार से अधिक बार पुलिस की माओवादियों से मुठभेड़ भी हो चुकी है। दो माओवादी मारे जा चुके हैं। वहीं पिछले माह ही बकोदा में मुठभेड़ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में सामग्री बरामद हुई।
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के समय पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में 13 माओवादी संवेदनशील मतदान केंद्र थे, जबकि वर्तमान में यह बढ़कर 7 अतिसंवेदनशील और 11 संवेदनशील मतदान केंद्र हो चुके हैं। वहीं कवर्धा विधानसभा में विधानसभा चुनाव के समय 82 माओवादी संवेदनशील मतदान केंद्र थे जबकि वर्तमान में 84 हो चुके हैं।
जिले में निर्वाचन विभाग को मतदान के पूर्व मतदान के दिन 466 वाहनों की आवश्यकता होगी। इसमें अधिकतर वाहन तो मिल चुके हैं। इसमें 240 बसें मतदान दल के लिए आवश्यक है, जिनका अधिग्रहण 16 अप्रैल को किया जाएगा। वहीं सेक्टर ऑफिसर सहित अन्य प्रकार के आवागामन के लिए 220 बोलेरो या फिर अन्य प्रकार के वाहन रखे गए हैं। वहीं आब्जर्वर और एमसीएमसी टीम के लिए 6 इनोवा वाहन भी बुक किया जा चुका है। वहीं विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी जिला प्रशासन ने बसों के साथ ही वनांचल क्षेत्रों के लिए जीप जैसे छोटे वाहनों में मतदान दलों को लाने ले जाने की व्यवस्था की है।
जिले के 102 मतदान केंद्र माओवादी संवेशील है इसलिए सेक्टर अधिकारियों को भी पूर्ण सुरक्षा देनी है। प्रत्येक सेक्टर अधिकरियों को एक-एक हथियारबंद पीएसओ (निजी सुरक्षाकर्मी) दिया जाएगा। यह अधिकारी जहां भी निरीक्षण के लिए जाएंगे, सुरक्षाकर्मी साथ होगा। वहीं मशीन ले जाने वाले दलों की सुरक्षा के लिए भी उनके जीप व बसों में सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।