scriptमाघ पूर्णिमा मेला: डोंगरिया और झिरना में जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने किया पुण्य स्नान | Magh Purnima Mela: People in Dangia and Girirna, devotees made sacred | Patrika News

माघ पूर्णिमा मेला: डोंगरिया और झिरना में जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने किया पुण्य स्नान

locationकवर्धाPublished: Feb 20, 2019 11:08:55 am

Submitted by:

Panch Chandravanshi

नर्मदा कुंड स्थल झिरना व जालेश्वर महादेव घाट डोंगरिया में माघ पूर्णिमा पर भव्य मेला लगा। मेले में नगर सहित आसपास गांव से हजारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। नर्मदा कुंड में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर अपनी श्रद्धा दिखाई।

Devotees performed sacred bath

Devotees performed sacred bath

कवर्धा. नर्मदा कुंड स्थल झिरना व जालेश्वर महादेव घाट डोंगरिया में माघ पूर्णिमा पर भव्य मेला लगा। मेले में नगर सहित आसपास गांव से हजारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। नर्मदा कुंड में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर अपनी श्रद्धा दिखाई। भगवान को अध्र्य देकर अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना भी मांगी। डोंगरिया व झिरना मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए झूले और बच्चों के लिए खिलौनों का बाजार गुलजार रहा।
ग्राम झिरना का नर्मदा कुंड स्थल केवड़े की झाडिय़ों के लिए प्रदेशभर में मशहूर है। केवड़े की झाडिय़ों के बीच जल का उद्गम लोगों के लिए आस्था का केंद्र बिन्दु है, जिसके चलते यहां हर साल माघी पूर्णिमा पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। साथ ही पांच दिवसीय अखण्ड नवधा रामायण का आयोजन भी किया जा रहा हैं। झिरना मेला का इतिहास 100 साल से भी पुराना हैं। यहां छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध केवडे का उद्यान देखने लोग दुर-दुर से आते हैं। यहां वर्ष भर धार्मिक अनुष्ठान होते रहता हैं। द्वारिका पीठ ज्योतिमठ और पूरी के तीनों शंकराचार्यो का आगमन हो चुका हैं। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें दूर-दराज से लोग शामिल हुए। मुख्य मेला माघी पूर्णिमा के दिन लगा, जहां हजारों लोगों ने नर्मदा कुंड में आस्था की डुबकी लगाई। कुंड स्नान कर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना किए। इसके बाद मेले में खूब मौज-मस्ती भी की गई। झिरना मेले में हर आयु वर्ग के लोगों को लुभाने के लिए मनोरंजन और खिलौने का बाजार सजा था। बुजुर्गों ने जहां दिनभर मंदिर में बैठकर पूजा-पाठ में लीन रहे। मंदिर के बाहर बैठे गरीब-भिखारियों को दान देकर पुण्य भी कमाया। वहीं युवाओं ने मेले में खूब धमा-चौकड़ी मचाई। उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत हुआ, मानो इस दिन का वे बरसों से इंतजार कर रहे थे। पारंपरिक झूले में युवतियों की भी सबसे ज्यादा भीड़ दिखाई दी। झूले के हर एक चक्कर के साथ युवतियां रोमांचक होकर शोर मचा रही थीं। मेला में ग्रामीणों के साथ ही शहरी क्षेत्र के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
दिन भर मेले में दिखा उत्साह
झिरना के कुंड स्थल और डोंगरिया स्थित जलेश्वर महादेव घाट के मेले को लेकर सबसे ज्यादा बच्चों और ग्रामीण महिलाओं में उत्साह देखा गया। खिलौनों की दुकान देखकर छोटे-छोटे बच्चे अपने बड़े-बुजुर्गों से जिद करने लग जाते। जिद तभी खत्म होती, जब उनकी फरमाईश पूरी होती। खिलौना मिलने के बाद उत्साह से बच्चे फूले नहीं समाते। अपने अन्य मित्रों को खिलौने दिखाकर अपनी प्रसन्नता का इजहार कर रहे थे। माघी मेले में महिलाओं का उत्साह भी देखते ही बना। नए-नए परिधान पहनकर महिलाओं ने मेले में खूब खरीदारी किए। रोजमर्रा की जरुरी चीजों के साथ ही चूडिय़ां, बिंदी और आर्टिफिसियल गहनों की जमकर खरीदारी हुई।
धार्मिक कार्यक्रमों की धूम
मेले स्थल पर धार्मिक कार्यक्रमों की धूम रही। झिरना में जहां पांच दिवसीय अखण्ड नवधा रामायण का आयोजन किया जा रहा है। वहीं डोंगरियों में धार्मिक कार्यक्रमों की धूम रही। शिक्षक नंदकुमार शर्मा ने बताया कि युवाओं व बच्चों ने जहां मेला का आनंद लिया। वहीं बुजुर्ग महिला, पुरुषों ने बैठकर मानस गान का आनंद लिए। हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंडप में उपस्थित थे। इस दिन पूरे गांव में पर्व की तरह माहौल देखा गया। लोग मेले का आनंद देर शाम तक लेते रहे। मेले के अंतिम दिन बुधवार को मातर मड़ई का आयोजन किया जाएगा, जहां मांदर की थाप पर यादवों की टोली झूमते दिखाई देगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो