इससे पहले पुलिस ने वनांचल में थाना खोलकर जवान सर्चिंग करा रहे हैं, लेकिन माओवादी से कभी मुठभेड़ नहीं हुआ। गुरुवार को तरेगांव जंगल के धुमाछापर गांव के पास बैठक करने की सूचना मिली थी। इसके बाद जवान सर्चिंग के लिए निकले तभी दोनों का आमना-सामना हुआ और फायरिंग में एक माओवादी की मौत हो गई। इससे माओवादियों में बौखलाहट है। बताया जा रहा है कि मारा गया माओवादी प्लाटुन 3 का सदस्य है। करीब छह माह पहले राजनांदगांव के साल्हेवारा क्षेत्र में भी प्लाटुन 3 का एक माओवादी मारा गया था। इससे साफ है कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के ही माआवोदी कबीरधाम जिले की ओर आ बढ़ रहे हैं।
दुर्ग रेंज के आईजी जीपी सिंह ने बताया कि एक माओवादी के मारे जाने से पहली सफलता मिली है, लेकिन माओवादी बौखलाएं होंगे। इसके कारण संभलकर रहना होगा। तीनों प्रदेश को मिलाकर वे एमएमसी जोन के नाम से इस क्षेत्र का विस्तार करने की तैयारी है। लोगों को जागरुक होने की जरुरत है फिर जिले में माओवादी अपना पैर नहीं पसार पाएंगे। लगातार जवानों को टेंनिंग कराकर खड़े किए जा रहे हैं।