विधायक अपने पद से इस्तीफा दें अन्यथा कबीरधाम जिले में प्रवेश करने पर उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने मांग रखी कि सम्पूर्ण घटना का न्यायिक जांच हो। दोषियों पर कार्रवाई हो और निर्दोष लोगों की रिहाई की जाए। वहीं एफआईआर दर्ज करना बंद करें। प्रेसवार्ता के दौरान विश्व हिन्दू परिषद वरिष्ठ सदस्य राधेश्याम चंद्रवंशी, पीडि़त दुर्गेश की मां लक्ष्मी देवांगन, पिता और बहन मौजूद रहीं।
रात को 4 बजे दो पुलिस वाले पीछे दरवाजे से कूदकर घर आए उन्होंने कहा आपका बेटा पुलिस हिरासत में है। कागज में हस्ताक्षर कर दो। सुबह आकर मिल लेना। सुबह 8 बजे थाना पहुंची लेकिन बेटे से नहीं मिलने दिया। दो घंटे बाद 10 बजे कहा वो जेल में है वहां जाओ। दुर्गेश से मिलने जेल गई वहां भी उससे नहीं मिलने दिया। दुर्गेश को और उसके हालचाल को लेकर चिंतित और दु:खी है। दुर्गेश से उनके परिजनों को मिलने देना चाहिए।
मंगलवार की शाम को 3 अक्टूबर को हुए विवाद मामले में दुर्गेश देवांगन को पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके बाद एसपी ने बयान भी जारी किया दुर्गेश देवांगन और प्रहलाद साहू को रायपुर से गिरफ्तार किया गया। विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष वर्मा ने कहा कि कवर्धा थाने में पुलिस अभिरक्षा में अधिकारी वासनिक ने दुर्गेश से मारपीट किया। दुर्गेश को तब तक मारा जब तक वह अधिकारी थक नहीं गया। किस अपराध का यह क्रूर दंड दिया गया। उक्त अधिकारी को निलंबित कर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
विहिप के आरोप पर एसपी मोहित गर्ग ने कहा कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत है बेबुनियाद हैं। किसी भी पुलिस वाले ने किसी भी प्रकार से मारपीट नहीं की है। दुर्गेश को कल ही जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। शांत माहौल को बिगाडऩे का प्रयास किया जा रहा है। लोग शांति बनाए रखें। किसी के बहकावे में न आए। प्रशासन शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास कर रही है। जो भी इसे बिगाडऩे का प्रयास करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा किसी भी तरह के फेक न्यूज और अफवाह से भी आम जनता को बचने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया पर लगातार फेक न्यूज प्रसारित हो रहा है जिस पर पुलिस निगरानी बनाए हुए है। लेकिन आम जनता को अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
राज्य सरकार, शासन और जिला प्रशासन इस कोशिश में लगी है कि किसी तरह से कवर्धा का मामला शांत हो और लोग पूर्व की तरह आम जीवनयापन कर सके। शहर के अलावा जिलेभर के लोग यही चाहते हैं लेकिन कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन से ही चूक हो रही है। त्वरित कार्रवाई होती तो इस तरह के हालात नहीं बनते। वहीं अब सवाल है कि आखिर मंगलवार की रात को कोतवाली थाना में ऐसा क्या हुआ जिसके कारण सवाल उठ रहे हैं। यदि किसी तरह की गलती पुलिस अधिकारी द्वारा किया गया है तो कार्रवाई कर मामले का शांत किया जाए। मामले को किसी भी तरह से बढऩे न दिया जाए।