scriptनाबालिग बोली- दादा करता था घिनौनी हरकत उसी का नतीजा है यह बच्चा, मेरे मां-बाप.. | Minor girl birth to child in district hospital | Patrika News

नाबालिग बोली- दादा करता था घिनौनी हरकत उसी का नतीजा है यह बच्चा, मेरे मां-बाप..

locationकवर्धाPublished: Feb 13, 2018 03:43:40 pm

न तो पुलिस ने साथ दिया न ही प्रशासन ने। यहां तक समाज ने भी उसे दुत्कार दिया।

CG news
कवर्धा . पिता का साया सिर से बचपन में ही उठ गया। परिजनों का प्यार मिले इसलिए दादा-दादी के पास रहीं, लेकिन उन्होंने ही उसका शोषण कर दिया। न तो पुलिस ने साथ दिया न ही प्रशासन ने। यहां तक समाज ने भी उसे दुत्कार दिया।
यह व्यथा उस दुष्कर्म से पीडि़त बालिका की है जिसने 15 वर्ष की कम उम्र में ही शुक्रवार को जिला अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची को गोद में लिए और आंखों से आंसू की धार बह रही थी, जो इस बालिका का दर्द बयां कर रहे थे।
रोते-बिलखते हुए बालिका ने अपनी व्यथा बताई, उसके पिताजी नहीं हैं। मां मंदिर में नारियल बेचकर परिवार का पालन पोषण करती है। इसके कारण उसे दादी-दादा के घर छोड़ दिया। छह वर्ष के उम्र से ही दादी-दादा के साथ रही। इसी का फायदा दादा ने उठाया और उसके साथ घिनौना काम किया। नाबालिग मां के आंखों में फिर से आंसुओं की धार बह निकली। खुद को संभालते हुए बालिका ने बताया कि एक साल तक उसके साथ उसका दादा घिनौनी हरकत करता रहा। इसका नतीजा आज यह बच्चा है।

कहीं नहीं मिला उचित सलाह
महिला बाल संरक्षण अधिकारी को बालिका ने बयान दिया कि दो माह का गर्भ ठहर गया, जिसके बाद वह पुलिस के पास गई। डॉक्टरों ने जांच किया, लेकिन सभी ने अपना केवल सरकारी ड्यूटी निभाया। मानवता किसी ने नहीं दिखाई। उचित सलाह मिला न ही किसी ने उसकी मदद की। प्रशासन के इस अनदेखी के कारण ही वह आज नाबालिग मां बन बैठी।

मामला बहुत आगे चले जाने के बाद महिला सरंक्षण को जानकारी मिली। बालिका के दादा के दुष्कर्म किया। नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया। थाने में शिकायत के बाद या डॉक्टरों के जांच के दौरान ही इसकी जानकारी मिल जानी थी। यदि जानकारी मिलती तो बालिका को बच्ची जन्म नहीं देना पड़ता। बालिका का बयान लिया गया है।
नितिका डड़सेना, महिला सरंक्षण अधिकारी, कबीरधाम
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