लेकिन अगर आपसे यह कहा जाये की दहेज़ में जहरीले सांप दिए जाते है तो शायद यह बात आपको हजम न हो आप सोच में पड़ जायेंगे की आखिर कौन अपनी बेटी को जहेज में सांप देगा।
लेकिन छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक ऐसी जनजाति पाई जाती है, जो अपनी बेटियों को दहेज़ में 12 सांप देकर ससुराल भेजती है। कवर्धा की गौरिया जनजाति कई सालों से इस रिवाज को निभाते आ रही है।
अब यह सवाल उठता है, कि आखिर कोई क्यों अपनी बेटी को सांप दहेज़ में देगा लेकिन गौरिया जनजाति के लोग इसके पीछे यह दलील देते है। कि ये सांप उसके सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए कामना के रूप में दिए जाते है।
बता दे की कवर्धा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर बोड़ला विकासखंड के बांधाटोला गांव है।जिसके आस- पास के इलाके जहरीले सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती है और गौरिया जनजाति लम्बे समय से इन सांपों के साथ ही रहती है.यहाँ छोटे छोटे बच्चे आपको खुले में जहरीले सांपों के साथ खेलते हुए नजर आएंगे।
इस जनजाति में जब बेटी विवाह के लायक हो जाती है। तो बचपन से उसके साथ ही बड़े हुए सांपों को बेटी का बाप अपने दामाद को दे देता है ताकि वह अपनी जीविका इन सांपों के माध्यम से चला सके।सांपों को दहेज़ में दिए जाने की यह कहाँनी अपने आप ने अध्भुत और आकर्षक है। Nag Panchami