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गुड़ नहीं, बना रहे शराब के लिए शीरा

locationकवर्धाPublished: Mar 11, 2019 11:37:45 am

Submitted by:

Yashwant Jhariya

कबीरधाम जिले में 300 से अधिक गुड़ फैक्ट्री। गुड़ उत्पादन की छूट लेकर यह शीरा तैयार कर रहे हैं जिसका उपयोग अन्य राज्यों में शराब बनाने में उपयोग होता है।

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गुड़ नहीं, बना रहे शराब के लिए शीरा

कवर्धा. जिले में अवैध गुड़ फैक्ट्री को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मौन है। केवल विद्युत विभाग से अनुमति लेकर गुड़ उद्योग चलाए जा रहे हैं। वहीं शासन से गुड़ उत्पादन की छूट लेकर यह शीरा तैयार कर रहे हैं जिसका उपयोग अन्य राज्यों में शराब बनाने में उपयोग होता है।
कबीरधाम जिले में 300 से अधिक गुड़ फैक्ट्री संचालित हो रहे हैं। कई गुड़ फैक्ट्री में मोलासीस का उपयोग किया जा रहा है, वह भी बिना लाइसेंस। मोलासीस को गुड़ में मिलाकर बेचा जा रहा है। मोलासीस शक्कर कारखाना में गन्ना पेराई के समय निकलने वाला गुणवत्ताहीन द्रव्य है। इसका उपयोग खाने के पदार्थ में नहीं किया जा सकता, लेकिन कबीरधाम के कई गुड़ फैक्ट्री में धड़ल्ले से किया जा रहा है। बावजूद जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इसकी जांच ही नहीं की जाती।
टीन में शीरा भरकर सप्लाई
जिले में गुड़ फैक्ट्री संचालित करने के लिए इसलिए छूट मिली है ताकि वह गुड़ का उत्पादन करें, लेकिन यहां पर गुड़ का उत्पादन ही नहीं किया जाता। यहां के सभी गुड़ फैक्ट्री में केवल तरल रूप में शीरा तैयार करते हैं। इस शीरा को टीन के डिब्बों में भरकर अन्य राज्यों तक सप्लाई किया जाता है। यह शीरा अन्य राज्यों में शराब निर्माण के लिए उपयोग होता है। जबकि गुड़ फैक्ट्री संचालक धोखा देते रहते हैं कि गुड़ को ही तरल रुप में भेजा जाता है।
नहीं मिल रहा उचित दाम
जिला प्रशासन द्वारा गुड़ फैक्ट्री की जांच नहीं की जाती। जांच करने पर कई तरह लापरवाही सामने आएगी। सबसे प्रमुख तो किसानों को उचित दाम नहीं दिया जाता। कहीं 160, कहीं 180 तो कहीं 200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदा जाता है। उसमें भी पांच से 10 किलो तक कांटामारी होती है। इसके चलते किसानों के साथ वाद-विवाद, लड़ाई तक की नौबत आ जाती है।
मजदूरों से ले रहे अधिक काम
गुड़ फैक्ट्री की जांच करने पर पता चलेगा कि नाबालिक बच्चों से काम कराया जाता है। मजदूरों को निर्धारित राशि नहीं दी जाती। मजदूरी भुगतान समय पर नहीं दिया जाता। वहीं मजदूरों से 8 घंटे के बजाए 12 से 14 घंटे तक काम लिया जाता है। मतलब शोषण किया जाता है। इस पर प्रशासन को जांच करने की आवश्यकता है।
संघ ने की शिकायत
दूसरी ओर जिला गुड़ इकाई मालिक संघ द्वारा 10 मार्च को जिला प्रशासन के समक्ष शिकायत की गई। शिकायत में अध्यक्ष अमन चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष धर्म साहू, कोषाध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने बताया कि ग्राम सिंघमपुरी गुड़ फैक्ट्री में मोलासेस का उपयोग किया जा रहा है। खरीदी-बिक्री का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद 300 से 400 क्विंटल टीन में भरकर रखा है। उन्होंने कलक्टर से इसकी जांच की मांग की।

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