खनिज विभाग की लापरवाही के कारण शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी कोई ध्यान नहंी दिया जाता है। रेत भंडारण के लिए लाइसेंस की जरुरत होती है। इसे बनाने के लिए शासन को निश्चित राशि जमा करनी पड़ती है। लेकिन लाइसेंस बनाने कोई रुचि नहंी दिखा रहा है। बिना लाइसेंस के लिए अवैध तरिके से रेत डंप किए जा रहे हैं। इसके बाद भी खनिज विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। इससे मनमानी हो रही है।
रेत भंडारण करने का परमिशन खनिज विभाग से लेना पड़ता है, लेकिन सप्लायरों द्वारा बिना परमिशन के ही कई जगहों पर अवैध रुप से रेत डंप कर रख गया है। विभाग के जिले में एक भी ने रेत भंडारण का अनुमति नहीं लिया है। जबकि कवर्धा शहर सहित सैकड़ों सप्लायर है। इसके बाद भी किसी ने रेत भंडारण का परमिशन नहीं लिया है। शहर सहित आसपास क्षेत्र में रेत माफियाओं ने बिना परमिशन के कई जगहों पर रेत डंप कर रखा है। माफिया जरुरमंदों को सरकारी दर से तीन से चार गुना अधिक कीमत पर रेत बेचते हैं।