शौचालय बनने के बाद उपयोग नहीं करने से योजना के तहत बना शौचालय अनुपयोगी साबित हो रहा है। उपयोग नहीं करने व देखरेख के अभाव में शौचालय के सीट पर पत्थर डाल दिया गया है। इससे सीट पूरी तरह जाम हो चुका है। वहीं घर से दूर होने के चलते शौचालय के टीन शेड, दरवाजा गायब हो रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन तहत ग्राम में निर्मित लगभग 50 फिसदी शौचालय घर से दुर या शासकिय भूमि पर बनाया गया है, जिसमें नियमित उपयोग तो दुर की बात है। झांकने तक नहीं पहुुंच रहे हैं। इसके चलते शौचालय तक पहुंचने वाली रास्ता ही बंद हो चुका है। गांव में बनाए गए शौचालय अनुपयोगी साबित हो रहा है। अब तो स्थिति यहां तक निर्मित हो गई है कि शौचालय के आसपास भूमि पर समय के साथ लोग घेराबंदी कर बेजा करने का अनोखा तरीका निकाला है। इस तरह गांव में शौचालय शासकीय भूमि पर कब्जा हथियाने का जरिया बन गया है।
खुले में शौच रोकने के लिए ग्राम में सभा कर निगरानी के लिए बकायदा नौ सदस्य की टीम गठित भी की गई। गांव के गली व चौक चौराहे पर दिवाल लेखन कर पंचायत ने खुले में शौच करने पर जुर्माना का फरमान भी जारी किया गया था। इसके बाद व्यवस्था नहीं सुधार पाई। एक तो शौचालय का उपयोग नहीं हो रहा है। वहीं खुले में शौच करने के कारण गांव गंदगी फैली हुई है। सड़क किनारे शौच के कारण बदबू से लोगों को परेशानी हो रही है।