scriptअब दिल्ली के जंतर-मंतर में करेंगे धरना-प्रदर्शन | Now in Jantar Mantar of Delhi, protest will be held | Patrika News

अब दिल्ली के जंतर-मंतर में करेंगे धरना-प्रदर्शन

locationकवर्धाPublished: Sep 15, 2018 11:52:50 am

Submitted by:

Yashwant Jhariya

पूर्व रेलवे रूट के लिए पांच सदस्य दिल्ली पहुंचे, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय, केंद्र सरकार के मंत्री और अन्य सभी कार्यालय में अधिकारियों से मिलकर रखी अपनी बात

delhi

अब दिल्ली के जंतर-मंतर में करेंगे धरना-प्रदर्शन

कवर्धा . पिछले 80 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे रेलवे संघर्ष समिति के सदस्य अब दिल्ली के जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली में केंद्र सरकार के समक्ष अपनी बात रखेंगे।
पंडरिया में रेल्वे संघर्ष समिति के सदस्य अपनी बात रखने देश की राजधानी दिल्ली पहुंच चुके हैं। राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल विभाग के उच्चाधिकारियों, रेल मंत्रालय, केंद्र सरकार के मंत्री और अन्य सभी कार्यालय में अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रख रहे हैं। साथ ही आवेदन दे रहे हैं। शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यालय भी पहुंचे और वहां भी अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल सदस्य आशीष जैन, निर्मल सलूजा, नवीन जायसवाल, मनीष शर्मा और शिवसहाय गुप्ता अभी भाजपा व कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर अपनी बात रखेंगे।
बताया: 80 दिनों से जारी है क्रमिक भूख हड़ताल
रेलवे संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल सदस्य दिल्ली में मंत्रालय और अन्य विभाग के अधिकारियों को बता रहे हैं कि कई दशक पूर्व किए गए सर्वे के आधार पर रेल लाईन प्रस्तावित था जिसका रुट अब बदल दिया गया है। इस बदले हुए रुट के विरोध रेलवे संघर्ष समिति ने जिले का सबसे बड़ा आंदोलन किए हुए हैं। समिति सदस्यों द्वारा 80 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल की जा रही है।
50 लोग करेंगे धरना-प्रदर्शन
प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने बताया कि वह जल्द ही जंतर-मंतर धरना स्थल पर प्रदर्शन करेंगे। इसकी अनुमति के लिए आयुक्त को ज्ञापन सौंप दिया गया है। प्रदर्शन में रेलवे संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ करीब 50 लोग जंतर मंतर में बैठेंगे। अपनी आवाज बुलंद करेंगे और समस्याओं को सरकार व देशवासियों के सामने रखेंगे।
कोई सार्थक पहल नहीं
वर्षों पुराने रेल लाइन के रूट बदले जाने के विरोध में पंडरिया, पांडातराई, पोड़ी और बोड़ला क्षेत्र लोगों द्वारा रेल्वे संघर्ष समिति बनाकर लगातार अपनी बात शासन-प्रशासन के समक्ष रखती रहते रहे। लगातार ८० दिनों के इस क्रमिक भूख हड़ताल जिले का कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि इनसे मिलने तक नहीं पहुंचे, जिसके चलते ही कोई सार्थक पहल नहीं हो सकी। इस मामले को स्थानीय स्तर पर सुलझाने की कोशिश तक नहीं की गई, जिसका परिणाम सामने है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो