फर्जी बिल बनाकर शासन को लगाया चूना
शिकायत में बताया कि वनांचल चिल्फ ी में नवंबर-दिसंबर में कड़ाके की ठण्ड पड़ती है। ऐसे में लोग मंत्री के सभा में शॉल-स्वेटर ओढ़कर पहुंचे, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर 15 से अधिक कूलर लगाने का बिल अपने चहेते फर्म से बनवाया गया। वहीं सभा के लिए बनाए गए स्टेज का साईज 12 बाई 20 का था, लेकिन बिल में साईज बढ़ाकर बनाया गया है। पंडाल वाटर प्रूफ नहीं होने के बाद भी वॉटर प्रूफ पंडाल का बिल लगाया है। कुर्सी, जम्बो कूलर, टेबल जितनी संख्या में लगाया गया, उससे कई गुना अधिक का बिल बनाया गया है। स्वागत गेट सामान्य स्तर का बनाया गया था, लेकिन बिल में बाक्स वाला गेट बताया गया है।
शिकायत में बताया कि वनांचल चिल्फ ी में नवंबर-दिसंबर में कड़ाके की ठण्ड पड़ती है। ऐसे में लोग मंत्री के सभा में शॉल-स्वेटर ओढ़कर पहुंचे, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर 15 से अधिक कूलर लगाने का बिल अपने चहेते फर्म से बनवाया गया। वहीं सभा के लिए बनाए गए स्टेज का साईज 12 बाई 20 का था, लेकिन बिल में साईज बढ़ाकर बनाया गया है। पंडाल वाटर प्रूफ नहीं होने के बाद भी वॉटर प्रूफ पंडाल का बिल लगाया है। कुर्सी, जम्बो कूलर, टेबल जितनी संख्या में लगाया गया, उससे कई गुना अधिक का बिल बनाया गया है। स्वागत गेट सामान्य स्तर का बनाया गया था, लेकिन बिल में बाक्स वाला गेट बताया गया है।
बिना टेंडर दे दिया लाखों का काम
स्वागत गेट का बिल प्रत्येक बिल में अलग-अलग दर्शाया गया है। इसके अलावा सेंटर टेबी, सोफ ा कुशन वाला, स्टील सोफ ा और सफेद कपड़े की दरों में भिन्नता है। इससे साफ है कि संबंधित फ र्म से मिलीभगत कर लाखों का हेराफेरी किया गया है। विभिन्न अवसरों पर टेन्ट, साउण्ड, लाईट व चेयर लगाया जाता रहा है जिसके लिए बकायदा टेंडर जारी किए जाते हैं, लेकिन कबीरधाम जिले में बिना टेंडर के ही अपने चहेते कैटरिंग संचालकों से काम लेकर लाखों की हेराफेरी की जा रही है।
स्वागत गेट का बिल प्रत्येक बिल में अलग-अलग दर्शाया गया है। इसके अलावा सेंटर टेबी, सोफ ा कुशन वाला, स्टील सोफ ा और सफेद कपड़े की दरों में भिन्नता है। इससे साफ है कि संबंधित फ र्म से मिलीभगत कर लाखों का हेराफेरी किया गया है। विभिन्न अवसरों पर टेन्ट, साउण्ड, लाईट व चेयर लगाया जाता रहा है जिसके लिए बकायदा टेंडर जारी किए जाते हैं, लेकिन कबीरधाम जिले में बिना टेंडर के ही अपने चहेते कैटरिंग संचालकों से काम लेकर लाखों की हेराफेरी की जा रही है।
कार्रवाई होनी चाहिए
कोरोना संक्रमणकाल में वैसे भी इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी के पास कोई काम नहीं रहा। क्योंकि सार्वजनिक आयोजन प्रतिबंधित रहा। ऐसे में कोरोना आपदा को अवसर के रुप में भुनाते हुए संबंधित विभाग में पदस्थ जिम्मेदार कुछ विशेष अवसरों पर अपने निकटतम व परिचित के फ र्म को लाभान्वित करने के लिए बिना निविदा बुलाए कार्य देते रहे। लाखों रुपए का हेराफेरी कर रहे हैं। इसकी जांच के बाद संबंधित पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।
कोरोना संक्रमणकाल में वैसे भी इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी के पास कोई काम नहीं रहा। क्योंकि सार्वजनिक आयोजन प्रतिबंधित रहा। ऐसे में कोरोना आपदा को अवसर के रुप में भुनाते हुए संबंधित विभाग में पदस्थ जिम्मेदार कुछ विशेष अवसरों पर अपने निकटतम व परिचित के फ र्म को लाभान्वित करने के लिए बिना निविदा बुलाए कार्य देते रहे। लाखों रुपए का हेराफेरी कर रहे हैं। इसकी जांच के बाद संबंधित पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।