प्रभारी अधीक्षक ने शिकायत पत्र में आगे लिखा कि कन्या शिक्षा परिसर की शिष्यावृत्ति ५ माह पूर्व मार्च में सीटीडी रायपुर से सहायक आयुक्त कार्यालय को जारी किया जा चुका था। बावजूद रिलीज नहीं किया गया। मिलने पर सहायक आयुक्त ने कहा कि 5000 रुपए प्रति माह कमीशन के हिसाब से 15000 होता है। 15 हजार रुपए देने के बाद ढाई माह की राशि जारी किया गया। बावजूद एक माह की राशि जारी नहीं किया गया।
निलंबित किया उसे वहीं बहाल भी किया
समस्या यहीं खत्म नहीं होती। हर माह 5000 रुपए कमीशन नहीं दिया था जिसके चलते सहायक आयुक्त परेशान करता था। इसके बाद 6 अक्टूबर को प्रभारी अधीक्षक जिरधन नवरंग वहां से हटा दिया गया। वहीं पूर्व में सिंघारी के अधीक्षक भूपेन्द्र नेताम को निलंबित किया गया था उसे बहाल कर दिया गया।
मामला काफी गंभीर है क्योंकि जिले के आश्रम और छात्रावासों की बदहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में इस तरह का आरोप गंभीर है। ऑडियो की जांच आवश्यक है। साथ ही मुख्य रूप से सिंघारी से निलंबित अधीक्षक को बहाल करना, वह भी उसी छात्रावास में जांच का विषय है। वहीं किस कारण से उक्त प्रभारी अधीक्षक को हटाया गया। वहीं कन्या शिक्षा परिसर से अधीक्षिका को एकाएक क्यों हटाया गया। साथ ही रायपुर से जारी राशि को पांच माह तक क्यों रोका गया। इसकी जांच भी होनी चाहिए।
वर्सन…
सहायक आयुक्त के खिलाफ प्रभारी अधीक्षक ने शिकायत की है। मामले की जांच की जाएगी। जांच में सत्यता पायी जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पीएस धु्रव, अपर कलक्टर, कबीरधाम