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..ओह, बिना रिश्वत नहीं होता यहां काम

locationकवर्धाPublished: Oct 19, 2018 11:38:34 am

Submitted by:

Yashwant Jhariya

आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त पर छात्रावास अधीक्षक से रिश्वत लेने का आरोप, दोनों के बीच बातचीत हुए पैसे के लेनदेन का ऑडियो भी वायरल.

कवर्धा . सिंघारी स्थित आदिवासी बालक छात्रावास के प्रभारी अधीक्षक ने आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त पर पैसे की लेनदेन का आरोप लगाया है। वहीं पैसे के लेनदेन को लेकर हुई बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो चुका है।
आदिवासी बालक छात्रावास सिंघारी के प्रभारी अधीक्षक जिरधन नवरंग आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त आशीष बनर्जी के खिलाफ कलक्टर से लेकर छत्तीसगढ़ शासन सचिव से लिखित शिकायत की है। इसमें उन्होंने बताया कि पांच माह पूर्व ही उनकी पोस्टिंग सिंघारी हुई। यहां पर उन्होंने अपने वेतन से 37 हजार रुपए खर्चकर छात्रावास का जीर्णोद्धार किया। इस बात को लेकर जब भी अधिकारी से मिलने जाता तो वह पैसे की मांग करता। पद से हटा देने की धमकी देता। इस पर डर से पांच हजार, 10 हजार और 15 हजार रुपए किश्तों में 30 हजार रुपए दिया। इसका ऑडियो भी है। एक किश्त देरी हुई तो उसकी पत्नी जो कन्या शिक्षा परिसर में संलग्न थी उसे हटा दिया गया।
अधीक्षक बनने 50 हजार लेकर आते हैं
शिकायत में अधीक्षक ने बताया कि सहायक आयुक्त के बुलाने पर ऑफिस गया तो बोले कि लोग ५० हजार रुपए लेके आते हैं अधीक्षक बनने के लिए। मेरी बहुत बड़ी गलती हुई तुमको प्रभार देकर। पैसे नहीं देने पर संस्था का शिष्यवुत्ति राशि वाला खाता से पैसा न निकाल सके इसलिए रुकता दिया। सहायक आयुक्त ने कड़े शब्दों में कहा कि जो पैसा देने बोला था उसको नहीं करोगे तब तक खाता नहीं खोलुंगा।
पांच माह तक रोकी शिष्यावृत्ति
प्रभारी अधीक्षक ने शिकायत पत्र में आगे लिखा कि कन्या शिक्षा परिसर की शिष्यावृत्ति ५ माह पूर्व मार्च में सीटीडी रायपुर से सहायक आयुक्त कार्यालय को जारी किया जा चुका था। बावजूद रिलीज नहीं किया गया। मिलने पर सहायक आयुक्त ने कहा कि 5000 रुपए प्रति माह कमीशन के हिसाब से 15000 होता है। 15 हजार रुपए देने के बाद ढाई माह की राशि जारी किया गया। बावजूद एक माह की राशि जारी नहीं किया गया।
निलंबित किया उसे वहीं बहाल भी किया
समस्या यहीं खत्म नहीं होती। हर माह 5000 रुपए कमीशन नहीं दिया था जिसके चलते सहायक आयुक्त परेशान करता था। इसके बाद 6 अक्टूबर को प्रभारी अधीक्षक जिरधन नवरंग वहां से हटा दिया गया। वहीं पूर्व में सिंघारी के अधीक्षक भूपेन्द्र नेताम को निलंबित किया गया था उसे बहाल कर दिया गया।
जांच का विषय
मामला काफी गंभीर है क्योंकि जिले के आश्रम और छात्रावासों की बदहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में इस तरह का आरोप गंभीर है। ऑडियो की जांच आवश्यक है। साथ ही मुख्य रूप से सिंघारी से निलंबित अधीक्षक को बहाल करना, वह भी उसी छात्रावास में जांच का विषय है। वहीं किस कारण से उक्त प्रभारी अधीक्षक को हटाया गया। वहीं कन्या शिक्षा परिसर से अधीक्षिका को एकाएक क्यों हटाया गया। साथ ही रायपुर से जारी राशि को पांच माह तक क्यों रोका गया। इसकी जांच भी होनी चाहिए।
वर्सन…
सहायक आयुक्त के खिलाफ प्रभारी अधीक्षक ने शिकायत की है। मामले की जांच की जाएगी। जांच में सत्यता पायी जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पीएस धु्रव, अपर कलक्टर, कबीरधाम
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