एक किमी दूर मेड़ पार कर खेत की पंप से लाते हैं पीने के लिए पानी
कवर्धाPublished: Aug 03, 2019 12:02:38 pm
ग्राम पंचायत झिरौनी स्थित लक्ष्मी नगर मोहल्ले में पेयजल पूर्ति के लिए अलग-अलग स्थानों में करीब आधा दर्जन से ज्यादा हैण्डपंप भी है, लेकिन वर्तमान में जल स्तर नीचे गिरने के कारण हैण्डपंपों के हलक सूख गए हैं।
Bring water to drink from farm pump
इंदौरी. ग्राम पंचायत झिरौनी स्थित लक्ष्मी नगर मोहल्ले में पिछले कई दिनों से पेयजल की समस्या बनी हुई है। आलम यह है कि अब मोहल्ले की महिलाएं व बालिकाओं को पेयजल आपूर्ति के लिए एक किलोमीटर दूर खेत के ट्यूबवेल से पानी लाकर अपनी प्रयास बुझा रही है।
ग्रामीण अंचल में भू-जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। इसके चलते पेयजल का संकट गहराने लगा है। सावन महीने का दूसरा सप्ताह बीतने को है पर मौसम की बेरूखी परेशानी का सबब बनती जा रही हैं। बारिश के महीने में हैण्डपंप सहित घरेलू पंप, नदी, नाले व तालाब सूखे पड़े हैं। अब तक कुछ चलित बोर पंप और हैण्डपंप हॉफने लगे हैं। क्षेत्र में जलस्तर 20० फीट से नीचे चला गया है। वहीं लोगों को पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। कवर्धा विकासखंड के ग्राम पंचायत झिरौनी स्थित लक्ष्मी नगर मोहल्ले में पेयजल पूर्ति के लिए अलग-अलग स्थानों में करीब आधा दर्जन से ज्यादा हैण्डपंप भी है, लेकिन वर्तमान में जल स्तर नीचे गिरने के कारण हैण्डपंपों के हलक सूख गए हैं। ऐसे में मोहल्लेवासी को पेयजल आपूर्ति के लिए मोहल्ले के ही कुछ निजी घरेलू पंप के सहारे अपनी प्रयास बुझा रही थी, लेकिन दो-तीन दिन से निजी घरेलू मोटर पंप का नीचे जल स्तर गिरने से एक मात्र वैकल्पिक व्यवस्था भी साथ छोड़ दिया है।
एक किलोमीटर दूर मेड़ की सफर
पेयजल की विकट समस्या से जूझ रहे मोहल्लेवासी को अब पेयजल के लिए एक किलोमीटर दूरी तय करना पड़ता है। पेयजल के लिए कई खेत की मेड़ पार कर खेत स्थित ट्यूबवेल पहुंचते हैं। तब जाकर कहीं बाल्टी भर पानी मिलता है। अगर पानी लाते समय मेड़ पर पैर फिसला तो यह परिश्रम दोबारा करना पड़ता है। तब कहीं जाकर परिवार के लिए पेयजल मिलती है।
मोहल्ले में छ: हैण्डपंप सभी शो-पीस
खेत के ट्युबवेल से पानी लेते हुए महिलाओं ने बताया कि मोहल्ले में छ: हैण्डपंप तो है, लेकिन अधिकांश हैण्डपंप के हलक सूख गए हैं। वर्तमान में पेयजल की समस्या पिछले सप्ताह से चल रहा है। यह आलम लगातार पिछले दो वर्षों से औषत के अनुरूप बारिश नहीं होने कारण हो रही है। जिले में बैठे अधिकारी पेयजल को लेकर विभागीय स्तर से योजना बना रहे हैं। बावजूद गांव में गर्मी के बाद अब बरसात में पेयजल संकट दूर होने के बजाय और गहराता जा रहा है।
बिजली बंद हुई तो और भी परेशानी
गांव में पुराने पेयजल स्त्रोत के माध्यम हैण्डपंप ही है, लेकिन भूमिगत जल स्तर गिरने के कारण हैण्डपंप सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। ऐसे में निजी घरेलू पंप व दूर खेत के मोटर पंप सहारा बना हुआ है। पानी लेने की होड़ में महिलाओं की भीड़ भोर सुबह-शाम ट्यूबवेल के आसपास लगी रहती है। जल्दी पानी लेने के लिए कभी कभी आपस में खिटपिट भी हो जाती है। इस दरम्यान अगर बिजली बंद हो जाती है, तो ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ जाती है।