ग्राम लालपुर खुर्द के किसान संतराम विश्वकर्मा का धान बिक्री के लिए पंजीयन है। किसान ने पंडरिया एसडीएम कार्यालय में शिकायत की। शिकायत में बताया कि वह इस वर्ष धान नहीं बेच पा रहा है। जब इसका कारण जानना चाहा तो जिला केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा पंडरिया से संपर्क किया। स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि उसकी जमीन बैंक में बंधक है क्योंकि उसके खाते से 3 लाख रुपए केसीसी लोन लिया गया है। जबकि किसान का कहना है कि उसने तो लोन लिया ही नहीं है।
किसान का कहना है कि उसने समिति के कम्प्यूटर ऑपरेटर जगदीश कुमार साहू के कहने पर उसके पास जमीन की ऋण पुस्तिका और बैंक पासबुक जमा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कम्प्यूटर ऑपरेटर ने उक्त ऋ ण पुस्तिका के आधार पर केसीसी लोन निकाला है। वहीं किसान ने बताया कि उसके बिना जानकारी बगैर पंजीयन रकबे से 317 बोरी धान भी बेचा गया। धान बिक्री की राशि भी निकाल ली गई। किसान की शिकायत पर जांच शुरू की हो चुकी है। शनिवार को पंडरिया नायब तहसीलदार ने किसान का बयान लिया। वहीं कम्प्यूटर ऑपरेटर से भी जवाब तलब किया, लेकिन उसने बयान नहीं दिया।
केसीसी की राशि किसान के नाम से चेक या फिर खाता में जाता है। राशि केवल किसान ही निकाल सकता है। या फिर बैंक का कोई कर्मचारी शामिल हो तभी अन्य व्यक्ति उक्त राशि को निकाल सकता है। यहां पर भी इसी तरह का मामला प्रतीत हो रहा है। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा पंडरिया का कोई कर्मचारी इस फर्जीवाड़ा में शामिल हो सकता है। फिलहाल जांच के बाद ही इस पूरे मसले से पर्दा उठ पाएगा।