जी हां, बस्तर के झीरमघाटी में वर्ष 2013 रहा है, जो खतरे की घंटी है। हालांकि पुलिस टीम, सीएएफ और एसटीएफ के जांबाज जवानों ने नक्सलियों के मंशुबों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। लेकिन खतरा टला नहीं है क्योंकि जिले मेंं 120 से कहीं अधिक बस्तर के नक्सली कबीरधाम के जंगलों में मौजूद हैं। विस्तार प्लाटून 2 व 3 के सदस्य इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। यह विधानसभा चुनाव के पूर्व भी गांव-गांव में पर्चा बांटे थे। अब लोकसभा चुनाव के पूर्व इस तरह से विस्फोटक मिलना काफी चिंता जनक है। हालांकि जिला पुलिस के जवान नक्सलियों से निपटने समक्ष हैं।