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कोरोना काल में मौत बन गई आफत, भोपाल से शव लेकर जांजगीर जा रहे परिजनों को पुलिस ने कवर्धा जिले में रोका

locationकवर्धाPublished: Aug 02, 2020 11:38:19 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

कवर्धा जिले के बोड़ला नगर में शनिवार को भोपाल से आ रहे जांजगीर चांपा के एक परिवार को कवर्धा जिला प्रशासन ने रोक दिया। उन्हें मृतक के शव के साथ आगे बढऩे की इजाजत नहीं दी गई। (Coronavirus in chhattisgarh)

कोरोना काल में मौत बन गई आफत, भोपाल से शव लेकर जांजगीर जा रहे परिजनों को पुलिस ने कवर्धा जिले में रोका

कोरोना काल में मौत बन गई आफत, भोपाल से शव लेकर जांजगीर जा रहे परिजनों को पुलिस ने कवर्धा जिले में रोका

कवर्धा. जिले के बोड़ला नगर में शनिवार को भोपाल से आ रहे जांजगीर चांपा के एक परिवार को कवर्धा जिला प्रशासन ने रोक दिया। उन्हें मृतक के शव के साथ आगे बढऩे की इजाजत नहीं दी गई। जिसके बाद परिजनों को मृतक का अंतिम संस्कार अपने गृहग्राम के जगह रिश्तेदार के गांव में करने का निर्णय लेना पड़ा। लगभग 12 घंटे तक परिजन और स्थानीय प्रशासन आमने सामने थे। दिनभर जद्दोजहज चलती रही और मामला प्रदेश स्तर पर जा पहुंचा।
भोपाल से शव लेकर पहुंचे थे कवर्धा
दरअसल जांजगीर चांपा निवासी एम राम अपने परिवार के साथ शादी में भोपाल गए हुए थे। वहां पर दिल का दौरा पडऩे से उनकी मौत हो गई। परिजन उनका शव लेकर रवाना हुए ताकि गृहग्राम में ही उनका अंतिम संस्कार किया जा सके। भोपाल से दो वाहन में कुल 11 लोग रवाना हुए। इसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। छत्तीसगढ़ पहुंचते उन्हें बोड़ला नगर में रोक लिया गया। बोड़ला पुलिस ने शव के साथ परिजनों को आगे जाने नहीं दिया।
नाती की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
मध्यप्रदेश से आ रहे सभी लोगों को तुरंत ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां पर स्वास्थ्य टीम ने सभी सदस्यों का रैपिड किट से कोरोना जांच किया तो मृतक के नाती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। परिजन लगातार मिन्नतें करते रहे बावजूद उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया गया, क्योंकि शव को 24 घंटे से अधिक समय हो चुका था। प्रशासन की ओर से कहा गया कि शव को यहीं पर दफनाया जाए या फिर वापस भोपाल ले जाइए, लेकिन बोड़ला से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। यह जद्दोजहद शनिवार सुबह से शाम तक चलती रही।
रिश्तेदार के गांव में होगा अंतिम संस्कार
बोड़ला में शनिवार को मृतक के परिजन और प्रशासन के बीच लगातार बातचीत चलती रही। शाम को परिजनों ने कहा कि उनका एक परिवार फास्टरपुर में रहता है इसलिए शव को वहीं पर दफनाया जाए। इसलिए जिला प्रशासन की ओर इसे लेकर शासन स्तर पर बात की, जिसके बाद तय हुआ कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत फास्टरपुर में शव को दफनाया जाएगा। इसके बाद परिजन शाम को शव लेकर रवाना हुए।
नहीं ली थी एक राज्य से दूसरे राज्य सफर करने की अनुमति
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम की मुख्य वजह यह रही कि बुजुर्ग की मौत होने पर उसका डेथ सर्टिफिकेट नहीं था। वहीं उक्त परिवार ने कोरोना जांच नहीं कराया था। अन्य प्रदेश व जिला जाने के लिए मध्यप्रदेश शासन-प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई। मध्यप्रदेश में कोरोना के काफी मामले हैं। अधिकतर जिले में लॉकडाउन हैं। इसके चलते ही जांजगीर चांपा के कलेक्टर ने शुक्रवार की रात में ही परिजनों को जांजगीर चांपा नहीं आने की समझाईश दी। इसके बाद भी वह भोपाल से रवाना हो गए, जिसके कारण समस्या उत्पन्न हुई।
इसलिए उत्पन्न हुई समस्या
कबीरधाम कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि शव को फास्टरपुर में कोविड-19 के तहत जो प्रक्रिया है उसके तहत दफनाया जाएगा। परिजनों ने कोरेना जांच वहीं कराया था। छत्तीसगढ़ लाने की अनुमति भी नहीं ली थी। परिजनों को जांजगीर चांपा के कलेक्टर पहले ही समझा चुके थे कि शव लेकर मत आइए। इसके बाद भी वह नहीं माने। इसके कारण ही यह समस्या उत्पन्न हुई।
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