scriptअव्यवस्था के बीच संचालित हो रहा प्राथमिक शाला, छात्र परेशान | Primary school is being run between disorder, student gets disturbed | Patrika News

अव्यवस्था के बीच संचालित हो रहा प्राथमिक शाला, छात्र परेशान

locationकवर्धाPublished: Jan 23, 2019 11:44:33 am

Submitted by:

Panch Chandravanshi

दो कमरे में 131 छात्र-छात्राओं को भेड़ बकरी के तरह ठूंसकर पढ़ाई कराई जाती है। यूं कहे छात्र-छात्राएं कक्षाएं में ठीक से बैठ नहीं पाते तो पढ़ाई कैसे कर पाते होंगे। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बैठक व्यवस्था में होने वाले समस्या से चलते दो कमरों में 3 कक्षाएं लगती है।

Student upset

Student upset

कवर्धा. बरबसपुर. शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। इसके लिए लाखों रुपए खर्च भी किया जा रहा है, लेकिन शासकीय स्कूलों व्यवस्था नहीं सुधर पाई है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ग्राम राम्हेपुर में संचालित प्राथमिक शाला है। जहां अव्यवस्था के बीच छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय से महज आठ किमी दूर ग्राम राम्हेपुर की बसावट है, जहां प्राथमिक शाला संचालित हो रही है। स्कूल में छात्र-छात्राओं की कुल दर्ज संख्या 131 है, जिसमें 65 बालक व 66 बालिकाएं है। कक्षा पहली से पांचवीं तक कक्षा लगाने के लिए मात्र दो कमरे हैं। एक कमरा प्रधानपाठक कक्ष के लिए आरक्षित है। दो कमरे में 131 छात्र-छात्राओं को भेड़ बकरी के तरह ठूंसकर पढ़ाई कराई जाती है। यूं कहे छात्र-छात्राएं कक्षाएं में ठीक से बैठ नहीं पाते तो पढ़ाई कैसे कर पाते होंगे। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बैठक व्यवस्था में होने वाले समस्या से चलते दो कमरों में 3 कक्षाएं लगती है। शेष दो कक्षाएं व प्रधान पाठक कार्यालय को किसी तरह छोटे-छोटे बरामदों संचालित किया जाता है। इसके चलते छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों प्रतिदिन अव्यवस्था से दो चार होना पड़ रहा है। जबकि सालों से राजीव गांधी मिशन के तहत बनाए गए अतिरिक्त कक्ष जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है। जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है, जिसका अब तक सुधार नहीं हो पाया है, जबकि इसका पुन: निर्माण और सुधार किया जाना पहुंच जरूरी है। अतिरिक्त कक्ष को व्यवस्थित किए जाने से छात्र-छात्राओं को बैठक व्यवस्था में होने वाली परेशानी कुछ हद तक कम हो सकती है।
मध्याह्न भोजन कक्ष भी जर्जर
योजना के तहत स्कूल में मध्यान्ह भोजन तो बनता है और बच्चों को योजना का लाभ भी मिल रहा है, लेकिन मध्यान्ह भोजन कक्ष जर्जर और बदहाल हो चुका है। अंदर प्रवेश करते ही कमरे अंधेरा छाया रहता हैइसके चलते रसोईया को खाना पकाते समय काफी दिक्कते होती है। यूं कहे कि रसोईया दमघोटू माहौल में बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बना रहे हैं। दिन में भी कक्ष में अंधेरा छाया रहता है।
शौचालय का बूराहाल गंदगी पसरी
एक स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त बैठक व्यवस्था नहीं है। वहीं साथ ही साथ शौचालय का भी बूरा हाल है। शौचालय पूरी तरह जर्जर और बदहाल हो चुका है। वहीं गंदगी पसरी हुई है। शौचालय की स्थिति ऐसी है कि मानो पिछले कई महीनों से सफाई कर्मचारी झांकने तक नहीं गया है। दरवाजे,खिड़की भी जंग लग चुके हैं। इसके बाद भी छात्र-छात्राएं मजबूरीवश उपयोग कर रहे हैं।
परिसर में हैण्डपंप नहीं पानी की समस्या
प्राथमिक शाला में १३१ छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या है, लेकिन स्कूल परिसर में एक भी हैण्डपंप नहीं है। जबकि इसी परिसर पर आंगनबाड़ी भी संचालित हो रहा है। पानी के लिए छात्र-छात्राएं तो परेशान है ही रसोईयों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लंबी दूरी तय दूर हैण्डपंप से पानी लाना पड़ता है। इससे साफ है प्राथमिक शाला में पानी की भी समस्या बनी रहती है। शिक्षक को पानी बॉटल लेकर स्कूल आते हैं। इसके कारण अब बच्चोंं को भी पानी बॉटल लाना पड़ रहा है। इसके कारण परेशानी बड़ गई है।
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