scriptकिसान का बेटा बना नायब तहसीलदार, पढि़ए CGPSC क्वालिफाई करने वाले छोटे से गांव के मोहन की कहानी | Read the story of Mohan from a small village who qualified CGPSC 2020 | Patrika News

किसान का बेटा बना नायब तहसीलदार, पढि़ए CGPSC क्वालिफाई करने वाले छोटे से गांव के मोहन की कहानी

locationकवर्धाPublished: Oct 31, 2021 04:53:01 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

CGPSC 2020 में 38 वां रैंक लेकर न केवल नायब तहसीलदार के लिए चयनित हुए, बल्कि डीएसपी के प्रतिक्षा सूची में भी उनका नाम है।

किसान का बेटा बना नायब तहसीलदार, पढि़ए CGPSC क्वालिफाई करने वाले छोटे से गांव के मोहन की कहानी

किसान का बेटा बना नायब तहसीलदार, पढि़ए CGPSC क्वालिफाई करने वाले छोटे से गांव के मोहन की कहानी

कवर्धा. प्रशासनिक सेवा करने का जब्जा जेहन में लेकर तैयारी शुरू करने वाले ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े और शिक्षा ग्रहण करने वाले किसान के बेटे को आखिरकार सफलता मिल ही गई। अपने लक्ष्य पर अडिग रहकर मोहन साहू ने नायब तहसीलदार तक का सफर तय किया है।
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गांव के स्कूल में पढ़कर बढ़े आगे
कवर्धा विकासखंड अंतर्गत ग्राम बैजलपुर निवासी मोहन कुमार साहू छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर नायब तहसीलदार के लिए चयनित हुए हंै। उन्होंने सीजी पीएससी 2020 में 38 वां रैंक लेकर न केवल नायब तहसीलदार के लिए चयनित हुए, बल्कि डीएसपी के प्रतिक्षा सूची में भी उनका नाम है। मोहन साहू ने प्राइमरी की शिक्षा अपने गृह ग्राम बैजलपुर में पूरी की। इसके बाद हाईस्कूल तक की पढ़ाई कोको स्कूल से पूरी कर 12 वीं की पढ़ाई नवीन स्कूल कवर्धा से पूरा किया।
किसानी काम करते हैं पिता
मोहन साहू के पिता श्रीराम प्रसाद साहू और माता सरोजनी साहू गांव में ही रहकर खेती-बाड़ी करते हैं और बड़े भाई जितेन्द्र साहू, राजेन्द्र साहू पिता का खेती-बाड़ी में सहयोग करते हैं, लेकिन उन्होंने छोटे बेटे को अधिकारी बनाने का सपना देखा था। जिसे होनहार बेटे ने साकार करके दिखा दिया है। मोहन आईएएस बनना चाहता है। उन्होंने इसके लिए प्रयास किया और उनका प्रयास लगातार जारी है।
पूरे गांव में खुशी की लहर
मोहन की सफलता से पूरे गांव में खुशी की लहर है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई जितेन्द्र साहू, राजेन्द्र साहू, तेजराम साहू सहित पूरे परिवार को दिया है। उन्होंने बताया कि सीजी पीएससी की परीक्षा के लिए रोजाना छह घंटे से अधिक की पढ़ाई की है। कड़ी मेहनत का परिणाम है नायब तहसीलदार के लिए चयन हुआ है। मोहन की सफलता पर परिवारिक जनों के साथ मित्रों ने हर्ष व्यक्त किया है।

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