25 सालों से रिकार्ड सुधार- बंटवारे का नहीं हुआ निराकरण
कवर्धाPublished: Jun 02, 2019 11:47:18 am
आज भी नजूल विभाग में 20 वर्षों से ज्यादा पुराने आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा सका है। कुछ मामले मामले आज भी आयुक्त दूर्ग संभाग में लटके हुए है ज्ञात हो कि नजूल शीट क्रमांक 15 बी प्लाट नंबर 242 में त्रुटि का मामला सामने आया था। उक्त भूमि वर्तमान में स्व. शिवचरण नामदेव के नाम पर दर्ज है, जिसमे त्रुटि सुधारकर स्व. शिवचरण नामदेव के दोनों पुत्र के नाम पर यह जमीन आना था, जिसके लिए सन 1996 में आवेदन किया गया था, लेकिन आज तक इस मामले में अनेकों बार आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई है।
कवर्धा. नजूल विभाग में आज भी लोग जमीन बंटवारे व भूखंड़ सुधार की मांग को लेकर चक्कर लगा रहे। बावजूद इसके अधिकारी इन समस्याओं को दुर करने गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। आए दिन महिला-पुरुष जमीन मामले को लेकर घंटों कार्यालय में बैठे रहते हैं।
जमीनी मामले में परिवारों के बीच विवाद इतना बढ़ जाता है कि बात थाने तक पहुंच जाती है। इसके बाद भी जमीन की समस्या का समाधान होते नजर नहीं आता। हालांकि नजूल विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को जमीनी कार्य में तेजी लाने दिशा निर्देश भी दिये जाते हैं। बावजूद इसके कार्रवाई शुन्य रहती है। आज भी नजूल विभाग में 20 वर्षों से ज्यादा पुराने आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा सका है। कुछ मामले मामले आज भी आयुक्त दूर्ग संभाग में लटके हुए है ज्ञात हो कि नजूल शीट क्रमांक 15 बी प्लाट नंबर 242 में त्रुटि का मामला सामने आया था। उक्त भूमि वर्तमान में स्व. शिवचरण नामदेव के नाम पर दर्ज है, जिसमे त्रुटि सुधारकर स्व. शिवचरण नामदेव के दोनों पुत्र के नाम पर यह जमीन आना था, जिसके लिए सन 1996 में आवेदन किया गया था, लेकिन आज तक इस मामले में अनेकों बार आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई है।
जनदर्शन में भी आवेदन
आवेदन के अनुसार शिवचरण नामदेव का देहांत 18 मई 1983 में हो गया था। उनके पुत्रों ने 1996 में नामांतरण के लिए आवेदन किया। वहीं समस्याओं का निराकरण करने के लिए जनदर्शन में भी आवेदक द्वारा गुहार लगाया गया, जिसका टोकन क्रमांक 080116000091, 2 फरवरी 2016 में दर्ज है। भूखंड़ क्रमांक 242/15 बी का निराकरण आज तक नहीं हो पाया है। भूमि उनके पुत्र व उनके भाई के पुत्रों के नाम पर नहीं चढ़ पाया है। जबकि इसके लिए कई आवेदन विभाग को दिये जा चुके हैं और आवेदक कार्यालय के चक्कर काटने मजबुर हो चुके हैं। दरअसल जिस समय इस आवेदन को दिया गया उस समय यह जमीन शीतला वार्ड क्रमांक 10 में आता था और अब यह वार्ड क्रमांक 19 में आने लगा है। अब तक इस समस्या का निराकरण नहीं होने से आवेदक काफी निराश हैं।