इसी प्रकार ग्राम बानों में 19 लोग बाढ़ में फंसे हुए थे। शुक्रवार की शाम तक 8 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, बाकि 11 लोगों को सुरक्षित निकालने में राहत व बचाव दल द्वारा काम जारी है। इसी प्रकार पंडरिया विकासखण्ड के ग्राम सैहामालगी में बाढ़ से फंसे 30 लोगों को प्रशासनिक टीम और जनसहयोग से सुरक्षित निकाल लिया गया है। सभी को उनके बताए गए जान-पहचान व रिस्तेदारों के यहां ठहराया गया है। ग्राम रबेली में तीन परिवारों को सुरक्षित निकाला गया है।
गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि पोड़ी, रबेली, रोचन, चिमरा सहित बोड़ला और पंडरिया के वनांचल क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बाढ़ प्रभवित क्षेत्रों के गांवों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी शासकीय भवनों, मंगलभवनों में राहत शिविर के उपयोग के लिए अधिकारियों को कहा गया है। जरूरत के आधार पर सभी राहत शिविर में राशन, खाने पीने के समान, बिजली अथवा प्रकाश की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हंै।
नगर सैनिकों का योगदान
लोगों को बाढ़ से बचाने में मुख्य रूप से नगर सैनिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह लोगों की जान बचाने दो दिन से लगे हुए हैं। शुक्रवार को तो दिनभर इनके द्वारा रेस्क्यू किया गया। लोग कहीं पेड़ पर फंसे तो कही घर के छप्पर पर। नगर सैनिक के दो दर्जन से अधिक जवान जो गोताखोर भी हैं यह बाढ़ के बीच जाकर तो कहीं तैरकर तो कहीं रस्सी के सहारे पहुंचकर लोगों की जान बचाई।