ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों पुराने लगे बिजली के खंभे टेढ़े.मेढ़े होने से उन पर लगे तार भी नीचे झूलने लगे हैं। हवा के तेज झोंके या फिर तार पर पक्षियों के बैठने के कारण इनमें फाल्ट होता है। इसके बाद भी बिजली कंपनी लापरवाही बरत रहा है। गांव में लोगों ने विद्युत फाल्ट रोकने के लिए तारों पर ईंटें व पत्थर को रस्सी से बांधकर लटका दिया है। इससे बिजली के तार कभी भी वजन के कारण टूट सकते हैं।
इससे पहले कई बार गन्ना फसल में आग लगने की घटना हो चुकी है। इससे किसानों को काफी नुकसान भी हो चुका है। वहीं शक्कर कारखाना में जला हुआ गन्ना लाने मना किया जाता है। इससे किसानों को सबसे अधिक नुकसान होता है। इसके बाद भी खेत में विद्युत तार गया है। गन्ना के पकने के बाद पत्ते सूख जाते हैं। इसके बाद जरा सी चिंगारी भी आग पकड़ लेती है। हर वर्ष दर्जनों किसानों के खेत में आग लगने की घटना हो चुकी है। इससे किसान अधिक परेशान है। कई किसान विद्युत तार को हटाने की मांग भी कर चुके हैं।
गांव में गन्ना फसलों में आजगनी की घटना पिछले वर्ष घट चुकी है। गांव के ही भाठाखार में गन्ना फसल लगी थी। इसके ऊपर से गुजरने वाली जर्जर विद्युत तार में सार्ट-सार्किट हो गया है, जिससे ३५ एकड़ गन्ना फसल जलकर राख हो गई थी। वहीं खपरी नाली में धान की खरही भी जर्जर विद्युत तारों से उठने वाली चिंगारी के कारण जल गई थी। इसी तरह पैरावट में आग लगने की घटनाएं तो हर साल हो जाती है।