गैस सिलेण्डर के लगातार बढ़ते कीमत ने बिगाड़ा घर का बजट, उपभोक्ता परेशान
कवर्धाPublished: Jan 31, 2020 11:41:28 am
पेट्रोलियम गैस के कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है। धीरे धीरे गैस सिलेण्डर का दाम 805 रुपए तक पहुंच गया है।
गैस सिलेण्डर के लगातार बढ़ते कीमत ने बिगाड़ा घर का बजट, उपभोक्ता परेशान
कवर्धा . पेट्रोलियम गैस के कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है। धीरे धीरे गैस सिलेण्डर का दाम 805 रुपए तक पहुंच गया है। इस बार तो गैस सिलेण्डर की कीमत में सीधे सीधे 21 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है। दिसंबर तक 784 रुपए मिलने वाले गैस सिलेण्डर उपभोक्ता को अब 805 रुपए में खरीदना पड़ रहा है।
आम जनता पहले से ही महंगाई से परेशान है। इसके बाद भी हर माह-दो माह में पेट्रोलियम के दाम बढ़ा दिए जाते हैं। पिछले चार माह की बात करे तो रसोई गैस के कीमत में 143 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हुई है। यानि पिछले चार माह में 30 हजार उपभोक्ताओं को 143 रुपए का अतिरिक्त भार पड़ा है, जिसके कारण उपभोक्ता काफी चिंतित हो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुख के अनुसार कीमतों में रिवाईज की छूट के बहाने पेट्रोलियम कंपनियों ने पिछले अगस्त के बाद सितंबर माह में 16 रुपए की बढ़ोत्ती किए। अक्टूबर में 14 रुपए और नवंबर में एलपीजी सिलेंडर के दाम में एकमुश्त 76 रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी है। इस प्रकार तीन माह में कुल 106 रुपए की बढ़ोत्ती हुई है। नवंबर तक 769 रुपए मिलने वाले गैस सिलेण्डर दिसंबर 784 रुपए तक जा पहुंचा। दिसंबर के बाद नए साल यानि जनवरी में फिर 21 रुपए की बढ़ोत्तरी करते हुए 805 रुपए कर दिया गया। हालांकि सब्सिडी के रुपए में उपभोक्ता बैंक खाते में कुछ राशि वापस आते हैं, लेकिन तत्काल भुगतान तो पूरा ही करना पड़ता है। साथ ही जिन्होंने सब्सिडी छोड़ी है उनको तो कोई रियायत ही नहीं मिल रही है। इसके बाद भी समय पर सिलेण्डर नहीं मिल रहा है। बुकिंग कराने पर सप्ताह भर का समय दिया जा रहा है।
नवंबर माह में बढ़ा था 76 रुपए
इससे पहले पेट्रोलियम कंपनियों ने अक्टूबर के बाद नवंबर में भी कीमतों में एकमुश्त ७६ रुपए की बढ़ोत्तरी किया था। तब भी कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार का हवाला देकर उपभोक्ताओं के जेब से ७६ रुपए ज्यादा लिया था। अक्टूबर में ९९२.५० रुपए मिलने वाले सिलेण्डर की कीमत नवंबर में बढ़कर ७६९ रुपए हो गया। इसके बाद भी प्रत्येक माह १० से १५ रुपए की बढ़ोत्तरी हो रही है।
परेशान उपभोक्ता
नगर के उपभोक्ता कीमतों में बार-बार बढ़ोत्तरी से परेशान हो चुके हैं। उपभोक्ताओं का अब तो सीधा कहना है कि हर माह दाम बढ़ाने के बजाए सालाना बढ़ा दिया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को अपने बजट में बार-बार संशोधन न करना पड़े। हर माह किसी न किसी सामान की कीमत में बढ़ोत्तरी कर दी जाती है, जो सभी के लिए सिरदर्द बनती है। अगर ऐसा ही रहा तो लोगों को आदिम युग की तरह जीवन व्यतीत करना पड़ेगा।