युवाओं द्वारा प्रशासन और शासन को घेरने की रणनीति नगरवासियों का कहना है कि नेशनल हाइवे और बोड़ला से दलदली मार्ग की सड़कें समय सीमा के 2 वर्ष गुजर जाने के बावजूद निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। लोगों ने इसके लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि को जिम्मेदार मान रहे हैं। ठेकेदार द्वारा आधे अधूरे काम कर बीच में काम बंद कर देते हैं। जहां से सड़क सबसे पहले बननी थी, वह सबसे अंतिम में बन रहा है। यहां सब कुछ ठेकेदार की मर्जी चल रहा है। जब चाहे काम शुरू और जब चाहे तब बंद कर देते हैं। नगर के ही सबसे अधिक ट्रैफिक वाला यह स्थान है जहां से लोगों का आवागमन लगा रहता है। इस लेटलतीफी की वजह से नगर के युवाओं द्वारा इस विषय पर बैठक कर जल्द ही प्रशासन और शासन को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है।
हैंडपंप का अस्तित्व खतरे में
निर्माण एजेंसी द्वारा मनमर्जी पूर्वक काम को अंजाम दिया जा रहा है। इसका जीता जागता नमूना वार्ड क्रमांक १२ व ५ में देखने को मिल रहा है। नगर के वार्ड नम्बर 12 बीचपारा और वार्ड नम्बर 5 की हैंडपंप को पूरी तरह दबा दिया है, जिससे वार्डवासियों और राहगीरों को पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। यह हैण्डपम्प वार्ड का प्रमुख हैण्डपम्प था, जिससे वार्डवासी अपनी प्यास बुझाते थे। नगर में तो जनप्रतिनिधि और अधिकारी ही नहीं है, जो इस विषय पर संज्ञान ले। गर्मियों के दिन में जहां प्रशासन पेयजल की आपूर्ति के लिए युद्धस्तर में कार्य कर रही है, लेकिन मुख्यालय में नगर की हालात देखकर लगता है कि ये सभी युद्ध कागज में ही लड़े जा रहे हैं।
चार पहिया वाहनों से हादसे का डर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन की नींद खुली, लेकिन वह भी आधी अधूरी। ठेकेदार द्वारा सड़क के दोनों ओर गिट्टी डाल दिया गया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। यह नेशनल हाइवे व्यस्तम मार्ग है। पैदल व मोटरसाइिकल से सफर करने वाले लोगों को चार पहिया वाहनों से हादसे होने का डर बना रहता है। बावजूद इस दिशा में कोई पहल नहीं किया जा रहा है।
कई तरह की समस्या सामने आ रही सड़क निर्माण में हो रही लेटलतीफी से कई तरह के समस्या सामने आ रही है। वाहनों के आवागमन से छोटे छोटे गिट्टी के टुकड़े छिटकर दुकान तक पहुंच जाता है, जिससे लगने का डर बना रहता है।
रिंकू तिलकवार, नगरवासी