जानिए सावन के सोमवार की पूजा विधि
– स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं।
– घर से नंगे पैर जाएं तथा घर से ही जल भरकर ले जाएं।
– मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें।
– वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें।
– दिन में केवल फलाहार करें।
– सायंकाल भगवान के मंत्रों का जाप करें, तथा उनकी आरती करें।
सावन की तीसरी सोमवारी के दिन नागपंचमी
इस बार नागपंचमी का शुभ पर्व भगवान शिव के विशेष दिन सोमवार पांच अगस्त को है। सोमवार और नागपंचमी दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। इसलिए इस बार नागपंचमी का विशेष महत्व होगा। भोरमदेव के पुजारी संतोष दुबे ने बताया कि नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग यानी त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होता है।
महत्वपूर्ण तिथि पर एक नजर…
17 जुलाई सावन माह का पहला दिन
22 जुलाई सावन की पहली सोमवारी
29 जुलाई सावन की दूसरी सोमवारी
05 अगस्त सावन की तीसरी सोमवारी
12 अगस्त सावन की चौथी सोमवारी
15 अगस्त सावन माह का अंतिम दिन
भोरमदेव पदयात्रा
सावन के पहले सोमवार को शहर से पदयात्रा भी होगी। बूढा महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर भोरमदेव मंदिर तक जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि, समाजिक संगठन व आम नागरिक इसमें शामिल होंगे।