scriptस्कूल का शौचालय जर्जर, खुले में शौच जाने मजबूर छात्र-छात्राएं | School toilets shabby, students forced to go to the open | Patrika News

स्कूल का शौचालय जर्जर, खुले में शौच जाने मजबूर छात्र-छात्राएं

locationकवर्धाPublished: Oct 15, 2018 01:42:58 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

ओडीएफ घोषित जिले के सरकारी स्कूलों में शौचालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है। टूटी, फूटी जर्जर शौचालय होने के कारण नौनिहाल खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।

School toilets shabby

School toilets shabby

कवर्धा. बैजलपुर. स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव शौचालय बनाकर जिले को ओडीएफ घोषित भी कर दिया गया, लेकिन ओडीएफ घोषित जिले के सरकारी स्कूलों में शौचालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इसका जीता जागता नमूना ग्राम कबराटोला के प्राथमिक शाला में बने शौचालय है।
प्राथमिक शाला कबराटोला के शौचालय स्थिति ऐसी है कि छात्र-छात्राओं को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शासकीय स्कूल कबराटोला में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 50 हजार रुपए की लागत से शौचालय का निर्माण कराया गया था, जिसका हाल अब किसी से छुपी नहीं है। टूटी, फूटी जर्जर शौचालय होने के कारण नौनिहाल खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।
जिले को ओडीएफ घोषित करने के लिए बोड़ला विकासखण्ड के सरकारी स्कूलों के इन्ही शिक्षकों, बच्चों के माध्यम से नुक्कड़, नाटक, पोस्टर व रैली निकालकर लोगों को खुले में शौच नहीं जाने के लिए जागरुक किया गया। शौचालय निर्माण कर नियमित उपयोग करने की नसीयत देने वाले शिक्षक व नौनिहाल ही आज खुले में शौच जाने को मजबूर है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि जिले भर में दनादल शौचालय निर्माण कराया गया है। इसके बादप भी यहां शौच के लिए खुले में जा रहे हैं। बच्चों की ओर जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके कारण अब संक्रमण की चपेट में भी आ रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के आदेश की भी अनदेखी
विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग के ओर से सख्त निर्देश मिला है कि बूथ केंद्रों या सरकारी भवनों में शौचालय, बिजली, पानी, रैम्प की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। इसके बाद भी शौचालय की ऐसी स्थिति विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता को प्रदर्शित करता है। निर्वाचन आयोग अपनी पूर्ण तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव सम्पन्न कराने को तैयार है। सभी विभाग को सख्त आदेश देते हुए बूथ केंद्रों को सर्व सुविधायुक्ततैयार रखने को कहा गया है, लेकिन इसको पलिता लगाने में विभाग नाकाम साबित हो रहा है।
दीवार गिरा, खिड़की-दरवाजे गायब
50 हजार रुपए लागत से बनने वाले शौचालय आज स्थिति में उपयोग करने की लायक भी नहीं है। शौचालय का ऊपरी दीवार गिर गया है। लोहे का दरवाजा, खिड़की सब टूट गया है। जो कुछ बचा है उसमें जंक लग गया है, जो नौनिहालों को नुकसान पहुचा सकता है। यह स्कूल बूथ केंद्र भी है। शौचालय की स्थिति खराब होने के कारण चुनाव कराने आए अधिकारी व कर्मचारी को शौच के लिये भटकना पड़ सकता है। या परदे से शौचालय बनाना पडेगा। इससे परेशानी भी होगी।
सड़क किनारे शौच से हादसे की आशंका
पूरी तरह जर्जर शौचालय के कारण बच्चों के खुले में शौच जाने की बात भले ही सुनने में साधारण व छोटी लगती हो, लेकिन इन नौनिहालों को खुले में शौच के दौरान कई लकलीफे व परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार सड़क किनारे झाडिय़ों, तालाब किनारे, नाला के पास शौच के दौरान बच्चों को जोखिम उठाते देखा गया है। शौच के लिए बच्चे सड़क किनारे नाला में चले जाते हैं, जिससे हादसे का डर ज्यादा बना रहता है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो