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सेवा सहकारी समिति झलमला में 7718.80 क्विंटल धान जाम

locationकवर्धाPublished: Dec 10, 2018 12:41:43 pm

Submitted by:

Panch Chandravanshi

खपरी-झलमला उपार्जन सेवा सहकारी समिति में अब तक 9618.80 क्विंटल धान खरीदा जा चुके हैं। समस्या यह है कि खरीदी के बाद मिलर्स धान का उठाव धीमी गति से चल रही हैं। खरीदे गए धान के एवज में केवल 1900 क्विंटल धान का उठाव हो पाया है। वर्तमान में अभी भी 7718.80 क्विंटल धान जाम पड़ा है।

7718.80 quintals of paddy jam

7718.80 quintals of paddy jam

कवर्धा. गुढ़ा. सहकारी सेवा समिति खपरी और झलमला में अब तक धान की बंपर खरीदी हुई है। धान खरीदी के विपरीत यहां परिवहन कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। उठाव प्रक्रिया धीमी होने क कारण केन्द्र में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।
जिले में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हुई है। किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान सोसायटियों में खरीदे जा रहे हैं। वहीं पिछले वर्ष की अपेक्षा धान की फसल अच्छी रही है। इसके चलते समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए किसान अपना धान लेकर समितियों में पहुंच रहे हैं। हालांकि शुरुआती दिनों में धान की आवक कम रही है, लेकिन अब किसान लगातार पहुंच रहे हैं। ग्राम खपरी-झलमला उपार्जन सेवा सहकारी समिति में अब तक 9618.80 क्विंटल धान खरीदा जा चुके हैं। समस्या यह है कि खरीदी के बाद मिलर्स धान का उठाव धीमी गति से चल रही हैं। खरीदे गए धान के एवज में केवल 1900 क्विंटल धान का उठाव हो पाया है। वर्तमान में अभी भी 7718.80 क्विंटल धान जाम पड़ा है।
901 पंजीकृत किसान
सेवा सहकारी समिति से अब तक किसानों से 19756684 रुपए की धान खरीदे जा चुके हैं। वहीं ऋण विरुद्ध वसूली की गई कुल राशि 5249439 रुपए हैं। जबकि किसानों को 14507245 रुपए का शुद्ध भुगतान किया गया है। सेवा सहकारी समिति को प्राप्त बारदानों की जहा प्राप्त बारदानों की संख्या 42017 है। सेवा सहकारी समिति के ऑपरेटर पवन चंद्रवंशी ने बताया कि पिछले वर्ष जहां पंजीकृत किसान की संख्या 840 था, लेकिन इस वर्ष बढ़कर 901 हो गया है। इसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान की खरीदी ज्यादा होगा।
उठाव की गति धीमी
केन्द्र में जिस गति से खरीदी हो रही है। उस गति उठाव नहीं हो पा रहा है, जो किसानों के लिए समस्या बनी हुई है। धीमी उठाव के चलते केन्द्र में धान के कट्टों का पहाड़ लग गया है। समिति प्रबंधकों की मानें तो दोनों केंद्रों में उठाव तो हो रहा है, लेकिन प्रक्रिया धीमी है। केंद्रों के बाहर धान जाम पड़ा है। उपार्जन के लिए पहुंचे किसानों को अपना धान रखने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। इससे खरीदी पर असर पड़ रहा है। उठाव नहीं होने से खरीदी सुस्त कर दी गई है।हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं, जिसके चलते स्थानीय किसानों में विभाग के प्रति नाराजगी भी बढ़ती जा रही है।
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