तीन रात-दो दिनों तक पुलिस महकमा चारों युवाओं की तलाश में लगी रही है। दूसरी ओर जब मेडिकल जांच कराया गया तो पता चला कि बालिका के साथ एक ही युवक ने बलात्कार किया। इस पर पुलिस का शक सीधे बालिका के उस मित्र पर गया जिसका जिक्र किया गया था। उक्त युवक से कड़ाई पूछताछ किया तो मामला कुछ और ही निकला। बुधवार को पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिंहा ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि विवेचना क्रम में पीडि़ता के साथ आए हुए मित्र से पूछताछ करने पर घटनाक्रम में विरोधाभास पाया गया। मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर पीडि़ता के मित्र से और बारिकी से पूछताछ किया गया। गैंगरेप की बात झूठी निकली। पीडि़ता के मित्र ने प्रकरण में स्वयं की संलिप्तता स्वीकार करते हुए सामूहिक बलात्कार नहीं होने की बात कही।
प्रेम प्रसंग का मामला
पुलिस अधीक्षक सिन्हा ने बताया कि पूछताछ पर पीडि़ता के मित्र ने प्रकरण में स्वयं की संलिप्तता स्वीकार करते हुए स्वयं द्वारा बलात्कार करने और साथ किसी प्रकार अज्ञात 4 लड़कों द्वारा सामूहिक बलात्कार नहीं होने की बात कही। पीडि़ता के मित्र ने बताया कि उसके द्वारा ही पुरानी जान-पहचान और प्रेम-प्रसंग के कारण कॉलेज ग्राउंड में लाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया गया। देर रात होने और पीडि़ता के परिवारवालों के भय के कारण अपने मित्र को बोला अब घर नहीं जाऊंगी, मां-बाप मुझे डांट फटकार करेंगे। अपने साथ ले चलने की बात कही। तब पीडि़ता के मित्र ने बहला फुसलाकर किसी अज्ञात 4 व्यक्तियों द्वारा बलात्कार करने की योजना बनाई।
पुलिस अधीक्षक सिन्हा ने बताया कि पूछताछ पर पीडि़ता के मित्र ने प्रकरण में स्वयं की संलिप्तता स्वीकार करते हुए स्वयं द्वारा बलात्कार करने और साथ किसी प्रकार अज्ञात 4 लड़कों द्वारा सामूहिक बलात्कार नहीं होने की बात कही। पीडि़ता के मित्र ने बताया कि उसके द्वारा ही पुरानी जान-पहचान और प्रेम-प्रसंग के कारण कॉलेज ग्राउंड में लाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया गया। देर रात होने और पीडि़ता के परिवारवालों के भय के कारण अपने मित्र को बोला अब घर नहीं जाऊंगी, मां-बाप मुझे डांट फटकार करेंगे। अपने साथ ले चलने की बात कही। तब पीडि़ता के मित्र ने बहला फुसलाकर किसी अज्ञात 4 व्यक्तियों द्वारा बलात्कार करने की योजना बनाई।
हर बिंदु पर किया जांच
घटना की रिपोर्ट दर्ज के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उच्च अधिकारियों ने घटनास्थल जाकर मौका मुआयना कर अज्ञात आरोपियों की अतिशीघ्र पतासाजी किए जाने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के नेतृत्व में जिला इकाई के थाना प्रभारियों और अन्य स्टाफ की टीम बनाया गया था। गठित टीम द्वारा अलग-अलग पहलुओं में जांच प्रारंभ किया गया, जिसमें आरोपियों के बताए गए हुलिया के अनुसार पतासाजी, मोबाईल नंबर और टॉवर डम्प का तकनीकी विश्लेषण, अज्ञात आरोपियों की स्कैचिंग, घटनास्थल और बताए गए ट्रेक का सीसीटीव्ही फूटेज प्राप्त कर विश्लेषण,संदेहियों की गतिविधियों पर निगरानी करना इत्यादि शामिल रहा।
घटना की रिपोर्ट दर्ज के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उच्च अधिकारियों ने घटनास्थल जाकर मौका मुआयना कर अज्ञात आरोपियों की अतिशीघ्र पतासाजी किए जाने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के नेतृत्व में जिला इकाई के थाना प्रभारियों और अन्य स्टाफ की टीम बनाया गया था। गठित टीम द्वारा अलग-अलग पहलुओं में जांच प्रारंभ किया गया, जिसमें आरोपियों के बताए गए हुलिया के अनुसार पतासाजी, मोबाईल नंबर और टॉवर डम्प का तकनीकी विश्लेषण, अज्ञात आरोपियों की स्कैचिंग, घटनास्थल और बताए गए ट्रेक का सीसीटीव्ही फूटेज प्राप्त कर विश्लेषण,संदेहियों की गतिविधियों पर निगरानी करना इत्यादि शामिल रहा।
पुलिस की कार्यप्रणाली सन्देहास्पद: भाजपा
कवर्धा में एक ओर जहां पर पुलिस द्वारा सामूहिक बलात्कार मामले को झूठ बता रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिए हैं। मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सांसद संतोष पांडे, जिला अध्यक्ष अनिल सिंह व मंडल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी के नेतृत्व में पैदल मार्च कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और न्यायिक जांच की मांग की। सांसद संतोष पांडे ने इस गम्भीर मामले में सरकार व कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा क्या सरकार दूसरे राज्य के आपराधिक मामले में ज्यादा संवेदनशील है। अपने राज्य के बढ़ते अपराध दिखाई नहीं पड़ रहा है या देखना नहीं चाहते। घटना के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंचे प्रतिनिधियों ने सवाल खड़े किए घटना की सूचना जब पुलिस को रात 11 बजे हो गई तो पीडि़ता का दूसरे दिन दोपहर 3 बजे मेडिकल जांच क्यों कराया गया। इतने संवेदनशील विषय पर डॉक्टरी मुलाहिजा में इतनी देरी क्यों किया गया तत्काल मुलाहिजा क्यों नहीं कराया गया।
कवर्धा में एक ओर जहां पर पुलिस द्वारा सामूहिक बलात्कार मामले को झूठ बता रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिए हैं। मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सांसद संतोष पांडे, जिला अध्यक्ष अनिल सिंह व मंडल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी के नेतृत्व में पैदल मार्च कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और न्यायिक जांच की मांग की। सांसद संतोष पांडे ने इस गम्भीर मामले में सरकार व कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा क्या सरकार दूसरे राज्य के आपराधिक मामले में ज्यादा संवेदनशील है। अपने राज्य के बढ़ते अपराध दिखाई नहीं पड़ रहा है या देखना नहीं चाहते। घटना के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंचे प्रतिनिधियों ने सवाल खड़े किए घटना की सूचना जब पुलिस को रात 11 बजे हो गई तो पीडि़ता का दूसरे दिन दोपहर 3 बजे मेडिकल जांच क्यों कराया गया। इतने संवेदनशील विषय पर डॉक्टरी मुलाहिजा में इतनी देरी क्यों किया गया तत्काल मुलाहिजा क्यों नहीं कराया गया।
23 व 24 नवंबर दो दिनों तक पुलिस विभाग के अधिकारियों ने इसे अज्ञात लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया जाना स्वीकार्य किया। मीडिया में दो दिनों से दुष्कर्म की खबर प्रकाशित होते रही जिसका पुलिस विभाग ने खंडन नहीं किया तो क्या पुलिस विभाग इतने संवेदनशील मामले में इस तरह गैर जिम्मेदाराना ढंग से हवा हवाई काम करती। शहर के अंदर इस तरह का बड़ा और जघन्य अपराध हो जाना पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हंै। पेट्रोलिग शहर में नहीं है। सीसीटीवी सारे बंद पड़े हैं क्या इस तरह के लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिए।