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#Summer class बना Teachers के लिए जी का जंजाल, रात स्कूल में बिताए या अर्ली मार्निंग जाए ?

locationकवर्धाPublished: May 05, 2019 12:38:10 pm

जी हां, अब स्कूल में प्रधानपाठक या प्रभारी शिक्षक की ही बीतेगी रात, क्योंकि सुबह 6 बजे से लेनी है समर क्लास। सुबह छह बजे तो स्कूल पहुंच नहीं पाएंगे, ऐसे में रात में ही स्कूल पहुंचेंगे और वहीं सोएंगे। सुबह छह बजे से क्लास लेंगे।

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समर क्लास बना टीचर्स के लिए जी का जंजाल, रात स्कूल में बिताए या अर्ली मार्निंग जाए

कवर्धा@Patrika. जी हां, अब स्कूल में प्रधानपाठक या प्रभारी शिक्षक की ही बीतेगी रात, क्योंकि सुबह ६ बजे से लेनी है समर क्लास। सुबह छह बजे तो स्कूल पहुंच नहीं पाएंगे, ऐसे में रात में ही स्कूल पहुंचेंगे और वहीं सोएंगे। सुबह छह बजे से क्लास लेंगे।
गर्मी के डेढ़ माह की छुट्टी निर्धारित होने के बाद भी कक्षा पहली से आठवीं तक के प्रधानपाठक या प्रभारी शिक्षक को स्कूल जाना है और बच्चों की डेढ़ घंटे क्लास भी लेनी है। जिला मुख्यालय या ब्लॉक मुख्यालय से सुबह ६ बजे स्कूल पहुंचना तो मुश्किल है क्योंकि कई स्कूल ६० किमी दूर हैं तो कई ३० किमी। इसके लिए प्रधानपाठकों को सुबह ४ बजे से ही उठकर तैयारी करनी होगी या फिर उन्हें रात स्कूल में ही बितानी होगी। तब कहीं जाकर सुबह ६ बजे स्कूल खोलेंगे और समर क्लास ले सकेंगे। वहीं जहां पर प्रधानपाठिका कार्यरत हैं वहां के लिए तो और मुश्किल हो जाएगा।
क्लास लग रही है सबूत चाहिए
राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा की ओर से अर्धशासकीय पत्र जारी किया गया। इसमें डीईओ को आदेश दिए गए कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शालाओं में समर क्लास चलाई जाएगी। वह भी सुबह ६ से ७.३० बजे तक। साथ ही क्लास चलाने का सबूत भी देना है, फोटोग्राफ्स और प्रतिवेदन के साथ। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने भी बीईओ, बीआरसी और संकुल प्रभारियों को निर्देश दे दिए हैं समर क्लास की कक्षाएं प्रारंभ कराई जाए।
सवा लाख बच्चे अध्ययनरत
जिले में कुल ९८४ शासकीय प्राथमिक और ४९१ पूर्व माध्यमिक स्कूल हैं। इसमें कुल एक लाख २३ हजार ६८७ बच्चे अध्ययनरत रहे। समर कैम्प के माध्यम से विभिन्न शैक्षिक, सहशैक्षिक कौशल विकास कराना है। वहीं पढ़ाई मेंं कमजोर व कम फोकस करने वाले बच्चों में अगली कक्षा पहुंचने के लिए सुधार लाना है।
शिक्षकों का सवाल
छत्तीसगढ़ शासन ने शालाओं में एक मई से 15 जून तक 46 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है, जो वर्तमान में प्रभावशील है। इसके बाद भी प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा के अर्धशासकीय पत्र के आधार पर समर क्लास लगाने का निर्देश दिया जाता है। जबकि यह स्पष्ट होना चाहिए जिले में राज्यपाल के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी आदेश प्रभावशील होगा या फिर प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा का।
शिक्षकों में नाराजगी
समग्र शिक्षा अभियान के इस फरमान से शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। क्योंकि यह ग्रीष्मकालीन अवकाश में बाधा है। डेढ़ माह तक समर क्लास चलेगी तो ग्रीष्मकालीन अवकाश का मतलब ही कहां रह जाता है। इसके चलते शिक्षक संघ उक्त आदेश का विरोध करने लगे हैं। समर कैम्प १५ जून तक चलेगा। इसमें प्रधानपाठक को स्कूल जाना है। वहां ग्रामीणों की मदद से कैम्प कराना है। जो उत्साहित युवा है उनकी मदद से खेल और अन्य गतिविधि चलेगा, ताकि बच्चों को कौशल विकास हो सके।
एमके गुप्ता, सहायक संचालक शिक्षा विभाग, कबीरधाम
संघ ग्रीष्मकालीन अवकाश व भीषण गर्मी के बावजूद समर क्लास के नाम पर बच्चों, पालकों व शिक्षकों को परेशान करने के तुगलकी फरमान का कड़ा विरोध करते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग करता है।
रमेश चन्द्रवंशी, जिलाध्यक्ष, छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ, कबीरधाम
गर्मी में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी नहीं रहती। ऐसे में समर क्लास लगाने का क्या औचित्य है। संघ समर क्लास का विरोध करती है। इस संबंध में संघ का प्रांतीय प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही शिक्षा सचिव से मुलाकात कर समर क्लास लगाने को लेकर विरोध दर्ज करेगा।
गजराज सिंह राजपूत, प्रदेश प्रवक्ता, शालेय शिक्षाकर्मी संघ छग
भीषण गर्मी में समर क्लास लगाए जाने का निर्णय सही नहीं है। वैसे भी बच्चे पहले से ये सोचकर चलते हैं कि रिजल्ट आने के बाद स्कूल में गर्मी की छुट्टी होती है। अधिकांश बच्चे स्कूल भी नहीं आते। भीषण गर्मी में समर क्लास लगाने का हम विरोध करते हैं।
अब्दुल आशिफ खान, ब्लाक प्रभारी, शालेय शिक्षाकर्मी संघ कवर्धा
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