राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा की ओर से अर्धशासकीय पत्र जारी किया गया। इसमें डीईओ को आदेश दिए गए कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शालाओं में समर क्लास चलाई जाएगी। वह भी सुबह ६ से ७.३० बजे तक। साथ ही क्लास चलाने का सबूत भी देना है, फोटोग्राफ्स और प्रतिवेदन के साथ। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने भी बीईओ, बीआरसी और संकुल प्रभारियों को निर्देश दे दिए हैं समर क्लास की कक्षाएं प्रारंभ कराई जाए।
जिले में कुल ९८४ शासकीय प्राथमिक और ४९१ पूर्व माध्यमिक स्कूल हैं। इसमें कुल एक लाख २३ हजार ६८७ बच्चे अध्ययनरत रहे। समर कैम्प के माध्यम से विभिन्न शैक्षिक, सहशैक्षिक कौशल विकास कराना है। वहीं पढ़ाई मेंं कमजोर व कम फोकस करने वाले बच्चों में अगली कक्षा पहुंचने के लिए सुधार लाना है।
छत्तीसगढ़ शासन ने शालाओं में एक मई से 15 जून तक 46 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है, जो वर्तमान में प्रभावशील है। इसके बाद भी प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा के अर्धशासकीय पत्र के आधार पर समर क्लास लगाने का निर्देश दिया जाता है। जबकि यह स्पष्ट होना चाहिए जिले में राज्यपाल के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी आदेश प्रभावशील होगा या फिर प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा का।
समग्र शिक्षा अभियान के इस फरमान से शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। क्योंकि यह ग्रीष्मकालीन अवकाश में बाधा है। डेढ़ माह तक समर क्लास चलेगी तो ग्रीष्मकालीन अवकाश का मतलब ही कहां रह जाता है। इसके चलते शिक्षक संघ उक्त आदेश का विरोध करने लगे हैं। समर कैम्प १५ जून तक चलेगा। इसमें प्रधानपाठक को स्कूल जाना है। वहां ग्रामीणों की मदद से कैम्प कराना है। जो उत्साहित युवा है उनकी मदद से खेल और अन्य गतिविधि चलेगा, ताकि बच्चों को कौशल विकास हो सके।
एमके गुप्ता, सहायक संचालक शिक्षा विभाग, कबीरधाम
रमेश चन्द्रवंशी, जिलाध्यक्ष, छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ, कबीरधाम
गजराज सिंह राजपूत, प्रदेश प्रवक्ता, शालेय शिक्षाकर्मी संघ छग
अब्दुल आशिफ खान, ब्लाक प्रभारी, शालेय शिक्षाकर्मी संघ कवर्धा