कवर्धा

पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर CAF के हवलदार ने बेरोजगार युवाओं से की लाखों रुपए की ठगी, थाने में मामला दर्ज

पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। (Chhattisgarh police)

कवर्धाJun 07, 2020 / 11:48 am

Dakshi Sahu

पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर CAF के हवलदार ने बेरोजगार युवाओं से की लाखों रुपए की ठगी, थाने में मामला दर्ज

कवर्धा. पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। जिले के धनौरा निवासी मोहन साहू ने पुलिस आरक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर सुनियोजित तरिके से कई युवाओं से 23 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की। इसकी शिकायत कोतवाली कवर्धा मेंं किया गया। छत्तीसगढ़ जिला पुलिस बल आरक्षक भर्ती परीक्षा का वर्ष 2017 में विज्ञापन प्रकाशित हुआ। जिसके बाद कई युवाओं ने ऑनलाइन आवेदन मां दन्तेश्वरी च्वाईस सेन्टर दर्रीपारा कवर्धा में जमा किया। यहीं से प्रवेश पत्र एडमिट कार्ड दिया गया। (CG Government job fraud case)
मां दन्तेश्वरी च्वाईस सेन्टर के संचालक मोहन साहू वल्द विष्णु साहू निवासी धनौरा थाना पिपरिया ने युवाओं को आरक्षक भर्ती में पहुंच का झांसा देकर नौकरी लगवाने का वादा किया। कवर्धा आरक्षक के लिए 5-5 लाख, मुंगेली जिला के लिए 4.50-4.50 लाख रुपए के लेनदेन की बात की। इसके बाद अभ्यर्थी युवती देवकी कोसले, विजय टंडन, शशी लहरे, शीतल बाई टंडन, वेदकुमारी लहरे और उनके परिजन आरोपी की बातों में आ गए। पांचों युवती के परिजनों ने मिलाकर 8 लाख रुपए एडवांस दिया। युवतियों ने परीक्षा दिलाई, जिसके बाद स्टे लग गया। एक वर्ष बाद स्टे हटा। इसके बाद आरोपी बोला कि बाकी राशि उसके खाते में डाल दो। सभी परिजनों ने मिलकर 15 लाख 50 हजार रुपए मोहन साहू के खाते में डाल लिया। जिसके बाद युवती और उसके परिजन ठगी के शिकार हो चुके थे। आरोपी ने नौकरी लगाने नाम से कुल 23 लाख 50 हजार रुपए की ठगी किया।
आरक्षक पद पर भर्ती कराने 7 लाख की ठगी, केस 2
ग्राम सोनबरसा में एक युवक को पुलिस आरक्षक की नौकरी लगाने के नाम पर 7 लाख रुपए ठग लिए। इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराया गया। ग्राम सोनबरसा निवासी रामेश्वर वल्द समेलाल सतनामी और गेन्दू वल्द कन्हैया सतनामी पीपमाटी छत्तीसगढ जिला पुलिस बल आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2017 में विज्ञापन प्रकाशित होने पर आवेदन किया था। राजनांदगांव में शारीरिक दक्षता परीक्षा में भाग लिया। वापस आने दौरान ग्राम तिलाई भाठ निवासी शीतल बाई मिली। महिला ने युवाओं को मोहन साहू से मिलाया। नौकरी मिल जाएगी 55 लाख रुपए देने होंगे। इतनी राशि पर असमर्थता जताने पर साढ़े तीन लाख की बात कही। इस वह राजी हो गए। मोहन साहू और शीतल बाई की बातों पर भरोसा करते हुए एडवांस 50-50 हजार रुपए दिए। इसके बाद मोहन साहू के खाते में 3-3 लाख रुए अलग-अलग जमा किए। दोनों गायब है ।
केस – 3
कवर्धा जिले में ही छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में आरक्षक के पद पर 4 लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर भिलाई के प्रथम वाहिनी के हवलदार द्वारा 11 लाख 50 हजार रुपए की ठगी का मामले सामने आया है। वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल(जीडी) के पद का वेकेंसी निकला था, जिसमें राजेश पटेल, लोचन पटेल ग्राम समनापुर, अनिल पटेल पिता हरि पटेल ग्राम समनापुर और खेलन पटेल ग्राम बीरूटोला भी सशस्त्र बल में भर्ती के लिए फार्म भरे थे। चारों लोगों को माना रायपुर में 3 सितंबर 2015 को शारीरिक दक्षता के लिए बुलाया गया था।
जमा किए दस्तावेजों का सत्यापन का कार्य हवलदार अनिल सिंह द्वारा किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि वह प्रथम वाहिनी भिलाई में मेजर हवलदार के पद पर पदस्थ है। नौकरी लगवा दूंगा। चारों अक्टूबर 2015 में रायपुर गए। अनिल सिंह ने बताया कि लोचन पटेल को ढाई लाख रुपए, अनिल पटेल, राजेश और खेलन पटेल को 3-3 लाख रुपए लगेगा। 22 नवंबर 2015 को लिखित परीक्षा की तिथि बताकर बोला कि एडवांस पैसा जमा करना होगा तभी सीट बुक हो पाएगी। लिखित परीक्षा के एक सप्ताह पूर्व हवलदार अनिल सिंह बाइक क्रमांक सीजी 04 एच डब्ल्यू 3280 में ग्राम बीरूटोला पहुंचा। बोला कि पूरा पैसा जमा करना है। पैसा लेकर भिलाई आ जाओ।
हवलदार के खिलाफ केस दर्ज
चारों युवक 6.50 लाख लेकर भिलाई पावर हाउस पहुंचे और हवलदार को रुपए दिए। 22 नवंबर 2015 को चारों युवक ने लिखित परीक्षा दिलाई। 29 दिसंबर 2015 को परिणाम घोषित हुआ जिसमें चारों का नाम नहीं था। तब अनिल सिंह से बात करने पर बताया कि उन्होंने साहब को पैसा दिया था। इस पर राशि मांग की गई तो रुपए वापस करने की बात कहीं। लेकिन आज तक इनकी राशि वापस नहीं की। कवर्धा कोतवाली में उक्त भिलाई के प्रथम वाहिनी के हवलदार अनिल सिंह ठाकुर के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.