होली के रंग में बाजार गुलगाज
होली पर्व को लेकर नगर में जगह-जगह रंग गुलाल व पिचकारियों का बाजार सज चुका है। नगर सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं नगाड़ा व्यवसायी भी दुकान सजाए बैठे हैं। नगाड़ा विक्रता गांधी मैदान के अंदर व बाहर दुकान लगा रखा है। जहां ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली टोलियां नगाड़ा खरीदी के लिए पूछ परख करते दिखते हैं। नगाड़ा बेचने के लिए आए व्यापारी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष नगाड़ों के दाम में कमी या वृद्धि नहीं हुई है। उनके पास ५० रुपए से लेकर १७०० रुपए तक के छोटे, मंझोले व बड़े आकार के नगाड़े उपलब्ध है। गांव क्षेत्र से आने वाले अधिकतर युवा मंझोले आकार के नगाड़ों की खरीदारी के लिए पूछ रहे हैं। लोग बच्चों के लिए छोटे नगाड़े खरीद रहे हैं।
होली पर्व को लेकर नगर में जगह-जगह रंग गुलाल व पिचकारियों का बाजार सज चुका है। नगर सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं नगाड़ा व्यवसायी भी दुकान सजाए बैठे हैं। नगाड़ा विक्रता गांधी मैदान के अंदर व बाहर दुकान लगा रखा है। जहां ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली टोलियां नगाड़ा खरीदी के लिए पूछ परख करते दिखते हैं। नगाड़ा बेचने के लिए आए व्यापारी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष नगाड़ों के दाम में कमी या वृद्धि नहीं हुई है। उनके पास ५० रुपए से लेकर १७०० रुपए तक के छोटे, मंझोले व बड़े आकार के नगाड़े उपलब्ध है। गांव क्षेत्र से आने वाले अधिकतर युवा मंझोले आकार के नगाड़ों की खरीदारी के लिए पूछ रहे हैं। लोग बच्चों के लिए छोटे नगाड़े खरीद रहे हैं।
आसपास के गांवों में भी विशेष तैयारी
होलिका दहन के लिए नगर सहित आसपास के गांव मजगांव, चिमरा, बेदरची, लालपुर, भागुटोला, छिरहा, जुनवानी, जोराताल, नेवारी, सिंघनपुरी, खुटू, मरपा, तारो, खैरबना, समनापुर, दुल्लापुर सहित अन्य ग्रामों में पर्व मनाने की तैयारी जोरों से की जा रही है। नोटबंदी के बाद से क्षेत्र में आर्थिक स्थिति व महंगाई के कारण गुलाल का रंग फीका पडऩे की आशंका है, लेकिन फिर स्थिति सामान्य होने के कारण लोगों को उत्साह में कही कोई देखने को नहीं मिल रहा है।
होलिका दहन के लिए नगर सहित आसपास के गांव मजगांव, चिमरा, बेदरची, लालपुर, भागुटोला, छिरहा, जुनवानी, जोराताल, नेवारी, सिंघनपुरी, खुटू, मरपा, तारो, खैरबना, समनापुर, दुल्लापुर सहित अन्य ग्रामों में पर्व मनाने की तैयारी जोरों से की जा रही है। नोटबंदी के बाद से क्षेत्र में आर्थिक स्थिति व महंगाई के कारण गुलाल का रंग फीका पडऩे की आशंका है, लेकिन फिर स्थिति सामान्य होने के कारण लोगों को उत्साह में कही कोई देखने को नहीं मिल रहा है।